बीते कई दिनों से फ़्रांस में बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी कड़ी में फ्रांसीसी ट्रेड यूनियन ने मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
यूनियनों की मांग है कि बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाये और वेतन में वृद्धि की जाये।
ट्रेड यूनियन का कहना है कि पेट्रोल डिपो में काम करने वाले कर्मचारियों पर सरकार द्वारा इस बात का दबाव बनाया जा रह है कि वो हड़ताल का हिस्सा न बने और काम पर वापस चले जाएं।
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यूनियनों का कहना है सरकार का इस तरह का व्यवहार के यह साफ तौर पर जाहिर होता है कि तत्कालीन सरकार वर्कर्स के हड़ताल के अधिकार को भी छीनना चाहती है।
सिविल सेवा कर्मचारी संघों ने स्कूलों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं में वेतन वृद्धि कि मांग के साथ इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का एलान किया है।
द प्रिंट से मिली जानकारी के मुताबिक बढ़ती महंगाई के बीच यूरो क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तनाव बढ़ गया है।
✊🇫🇷Protests in France, which was started by the General Confederation of Labor and a number of other trade union centers, covered all spheres of life,lower living standards,high inflation… pic.twitter.com/PoMqlBRcKT
— AZ 🛰🌏🌍🌎 (@AZgeopolitics) October 18, 2022
गौरतलब है कि फ्रांस में वामपंथी राजनीतिक विपक्ष द्वारा रविवार को लगातार बढ़ती महंगाई के विरोध में एक विशाल रैली का आयोजना किया गया था।
इस रैली में 2022 नोबेल पुरस्कार विजेता एनी अर्नॉक्स भी शामिल हुईं।
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वही CGT यूनियन पिछले चार हफ़्तों से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। इस प्रदर्शन में TotalEnergies ने वाकआउट करने का आह्वान किया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तेल कंपनी 7% की वृद्धि और अन्य यूनियनों के साथ शुक्रवार को बोनस सहित एक सौदे पर पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि सभी वर्कर्स सीजीटी मुद्रास्फीति और फर्म द्वारा किए गए भारी मुनाफे की तरह ही 10% वेतन वृद्धि की मांग कर रहा है।
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