पंजाब में मजदूर यूनियनों ने संगरूर में शुरू किया धरना

पंजाब सरकार द्वारा मजदूर वर्ग की मांगों को अनदेखी करने के खिलाफ दलित खेतिहर मजदूरों ने मजदूर संघों के साथ मिल कर सीएम भगवंत मान के संगरूर आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

यूनियनों के सदस्यों ने प्रदर्शन के दौरान सीएम भगवंत मान के संगरूर आवास के बाहर 12 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की घोषणा की है।

इस प्रदर्शन में मजदूर मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर पंजाब के अलग अलग जिलों से आये हजारों दलित खेतिहर मजदूरों ने भाग लिया।

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मज़दूर संगठनों की मुख्य मांग है कि बेरोजगारों जल्द से जल्द नौकरी दी जाए, 700 रुपये का दैनिक वेतन और गांव की सार्वजनिक भूमि पर आरक्षित भूमि की जालसाजी नीलामी पर प्रतिबंध लगाया जाए।

‘चुनावी वादों को भूल गई सरकार’

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’ ने कुछ वादे किए थे, लेकिन राज्य में सत्ता में में आने के बाद सरकार अपने अभी वादों को भूल गयी है।

मज़दूर संघ के नेताओं ने कहा कि मज़दूरों के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था की जाए और दैनिक वेतन 700 रुपये तय किया जाए। उन्होंने मांग की कि पंचायत की जमीन से मजदूरों को कम कीमत पर भूखंड आवंटित किया जाए।बेघर मज़दूरों को भी मुफ्त प्लॉट दिए जाए। वृद्धावस्था और विधवा पेंशन के लिए आयु सीमा महिलाओं के लिए 55 वर्ष और पुरुषों के लिए 58 वर्ष होनी चाहिए।

साथ ही गरीब छात्रों के लिए विशेष वजीफा की भी मांग की है। संघ के सदस्यों ने कहा कि जरूरतमंद छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए।

आज के प्रदर्शन में विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने अपने भागीदारी दी। इसमें जमीं प्रपति संघर्ष, पंजाब खेत मजदूर यूनियन, दिहाटी मजदूर सभा, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन, खेत मजदूर सभा, मजदूर मुक्ति मोर्चा और पेंडू मजदूर यूनियन समेत पंजाब मजदूर यूनियन कमेटी के सदस्यों ने मज़दूरों को मांगों को पूरा करने के लिए आवाज़ को बुलंद किया।

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