ब्रिटेन में महंगाई की मार, टीयूसी ने न्यूनतम दिहाड़ी 15 पाउंड/घंटे करने को कहा

यूक्रेन युद्ध के बाद से विश्व सत्र पर महंगाई दर लगातार बढ़ती जा रहीं है।

गरीब देशों पर पहले से ही दबाव है वहीं दूसरी तरफ विकसित देशों में महंगाई दर लगातार रिकॉर्ड ऊंचे स्तरों पर पहुंच रही है।

कुछ दिनों पहले जारी हुए आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन (Britain) की महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है और ये जी 7 देशों में फिलहाल सबसे ऊपरी स्तरों पर है।

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आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन की महंगाई दर में उछाल खाद्य कीमतों में तेजी की वजह से देखने को मिला।

अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि आगे स्थितियां और खराब हो सकती हैं और ब्रिटेन को ऊंची महंगाई दर (Inflation) और सुस्त विकास दर की खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर का ये आंकड़ा अनुमानों से ज्यादा भी है।

बीबीसी न्यूज़ से मिली जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन (Britain) स्थित ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस (TUC) का कहना है कि “ब्रिटेन में न्यूनतम वेतन जितनी जल्दी हो सके 15 पाउंड प्रति घंटे तक बढ़ जाना चाहिए।”

यह दर न केवल 23 वर्ष वाले मज़दूरों के निर्धारित की जाये बल्कि सभी उम्र के मज़दूरों पर लागू होनी चाहिए।

हर आयुवर्ग के लिए सामान्य वेतन की मांग

साथ ही यूनियन की मांग है कि “23 वर्ष से अधिक आयु के मज़दूरों के लिए न्यूनतम वेतन 9.50 पाउंड प्रति घंटा और 21 और 22 वर्ष के मज़दूरों के लिए 9.18 पाउंड है। जिस तरह से देश में महंगाई दर रफ़्तार पकड़ रही है, उस हिसाब से सभी आयु वर्ग के मज़दूरों के लिए वेतन का सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”

वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन सरकार का अनुमान है कि है कि “न्यूनतम वेतन बढ़ाने से बेरोजगारी बढ़ सकती है।”

टीयूसी के महासचिव फ्रांसेस ओ’ग्राडी ने कहा है कि “देश में महंगाई दर बढ़ रही है मगर मज़दूरों के वेतन में कोई इजाफा नहीं किया जा रह है, जिसके कारण मज़दूरों को अपने परिवारों का जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है।”

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