मुजफ्फरनगर: किसानों ने उखाड़ फेके मीटर, बिजली के अंधाधुन बिल से थे परेशान

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उत्तर प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बिजली बिल आने पर आक्रोशित मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना तहसील के गांव उमरपुर में किसानों ने गुरुवार को ट्यूबवेल पर लगाए गए मीटरों को उखाड़कर बिजली घर पर मौजूद अधिकारियों को सौंप दिया है।

NBT की खबर के अनुसार किसानों का आरोप है कि लगभग 60 किसानों के टयूबवेलों पर कुछ दिन पहले बिजली के मीटर लगाए गए थे।

मीटर लगाने के 15 दिन बाद बिजली विभाग ने किसानों को 5000 से 8000 रुपयों का बिल भेज दिया।

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इस मामले में बुढ़ाना बिजली विभाग के SDO प्रशांत कांत ने कहा कि विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर लगाए गए थे।

किसानों के कंप्यूटर जेनरेटड बिल बने थे, मीटर रीडिंग नहीं ली गई थी।

अब किसानों के बिल ठीक करने का काम किया जा रहा है।

कई बार की गई थी शिकायत

किसानों का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई थी, मगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उमरपुर गांव के किसान शोभाराम कश्यप ने कहा कि गांव के एक किसान का एक हफ्ते का 5200 रुपये बिल आया है। बिजली मीटरों को सही तरीके से लगाकर उनकी रीडिंग ली जाए, वर्ना वह पुराने तरीके से ही बिल दें।

गांव के निवासी, देशपाल ने बताया कि बिजली के मीटर इसलिए उखाड़े गए क्योंकि बहुत ज्यादा बिल आ रहा था।

किसान रवि कुमार ने बताया कि बिजली विभाग ने 40 से 60 मीटर लगाने के कुछ ही दिन बाद किसानों को 6000 से 8000 रुपये का बिजली का बिल भेज दिया गया।

बुढ़ाना बिजली विभाग के SDO प्रशांत कांत ने कहा कि उन्होंने इस मामले से अधिकारियों को अवगत कराया है।

अब उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने पहले ही बना ली थी ज्यादा बिल की योजना

गौरतलब हैं कि इस बार योगी सरकार ने यूपी पावर कॉरपोरेशन (UPCL) ने सीधे बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्ताव न देकर स्लैब में परिवर्तन करने की तैयारी की है।

बिजली उपभोक्ताओं को शेड्यूल के अनुसार बिजली भले ही नहीं मिल रहा है, लेकिन बिल का बोझ बढ़ाने की इस नई कोशिश से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ बढ़ जाएगा। कॉरपोरेशन ने स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव नियामक आयोग को दिया है।

इससे यूपी के शहरी क्षेत्र के 90 लाख बिजली उपभोक्ताओं के साथ ग्रामीण क्षेत्र में 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा।

कंपनियां बिजली दर बढ़ाने की मांग नहीं कर रही हैं बल्कि वह स्लैब में बदलाव चाहती हैं। इससे कम बिजली खर्च करने के बावजूद उपभोक्ता का बिजली का बिल ज्यादा आएगा।

इस स्लैब सिस्टम को लागू कराने के लिए बिजली कंपनियां दबाव बना रही हैं।

नए प्रस्ताव से शहरी घरेलू उपभोक्ताओं का बिल 25 रुपये से लेकर 150 रुपये तक बढ़ जाएगा। वहीं शहरी दुकानदारों का बिल हर महीने 180 रुपये से लेकर 1090 रुपये तक बढ़ जाएगा।

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