नई संसद बनाने में पहली ‘शहादत’, निर्माण मजदूर की मौत

देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन निर्माण स्थल पर काम करने वाले एक मज़दूर की पिछले हफ्ते मौत हो गई। पुलिस इस मौत को अप्राकृतिक बताते हुए मामले कि जाँच कर रही है।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा नियुक्त ठेका कंपनी टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का गया सिंह (49) साइट पर एक शौचालय में बेहोश पाया गया।

तुरंत भवन स्थल पर मौजूद अन्य मज़दूर उसे नज़दीकी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। साथ ही उनका कहना था कि मज़दूर दिल की बीमारी से ग्रस्त था।

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The Hindu में आई खबर के मुताबिक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी, नई दिल्ली) अमृता गुगुलोथ ने कहा कि गया सिंह पिछले एक साल से नए संसद भवन पर बालाजी कंस्ट्रक्शन के साथ राजमिस्त्री का काम कर रहा था।

उन्होंने कहा कि सूचना 14 जुलाई को संसद मार्ग थाने में दर्ज कराई गई थी।

साथ ही उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन गया सिंह डे शिफ्ट में आये थे जो कि सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक होती है। शाम करीब छह बजे वह शौचालय गया लेकिन रात आठ बजे तक वापस नहीं लौटा।

जिसके बाद उनके साथी मज़दूरों ने उसे खोजना शुरू कर दिया। काफी खोजबीन के बाद गया सिंह एक शौचालय में बेहोश पाया गया और तत्काल उनको RMLअस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

हार्ट अटैक से मौत का नहीं हैं कोई प्रमाण

जहां एक तरफ टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड के प्रतिनिधि का कहना हैं कि यह मज़दूर कि मौत ‘प्राकृतिक कारणों’ है, वहीं दूसरी तरफ डीसीपी ने दावा किया हैं कि मज़दूर कि मौत अप्राकृतिक है। साथ ही मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।

साथ ही डीसीपी का कहना है कि अभी कहना मुश्किल है कि मज़दूर कि मौत दिल की बीमारी के कारण हुई है क्योंकि अभी तक पुलिस विभाग को कोई मीडियल रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई हैं, जिसमें इस बात कि पुष्टि कि गई हो कि मज़दूर कि मौत हार्ट अटैक से हुई।

मौत के आसपास की परिस्थितियों के बारे में पूछे जाने पर, टाटा प्रोजेक्ट्स के प्रतिनिधि ने एक लिखित जवाब में कहा, “यह घटना किसी भी सुरक्षा संबंधी मुद्दे के कारण नहीं हुई, क्योंकि मजदूर के दिल से संबंधित बीमारी का पता चला था।”

“घटना कंस्ट्रक्शन जोन के बाहर की है और मजदूर टॉयलेट एरिया के अंदर मिला है। हमारे चिकित्सा कर्मचारियों ने बीमार कर्मचारी की स्थिति जानने पर तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया। इसके बाद, बीमार कर्मचारी को आगे के इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।”

मौजूदा संसद भवन के बगल में नए संसद भवन का निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था, जो कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजनाओं में से पहला है। इस परियोजना के शुरू होने पर अनुमानित लागत ₹971 करोड़ थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था।

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