दिल्ली में खुदकुशी करने वाला हर चौथा व्यक्ति मज़दूर

दिल्ली में खुदकुशी करने वाला हर चैथा शख्स मजदूर नई दिल्ली: देश की राजधानी का खुदकुशी रेट देश के खुदकुशी रेट से ज्यादा है।

दिल्ली में 2019 से यह रेट 12.7 (एक लाख लोगों में 12 से ज्यादा लोग) है, वहीं राष्ट्रीय औसत 10.4 है।

हालांकि सरकारी एजेंसियों का कहना है कि इन सबके पीछे पारिवारिक मसले इसकी सबसे बड़ी वजह है लेकिन हैरानी की बात ये भी है कि सबसे ज्यादा खुदकुशी वर्कर करते हैं।

पिछले साल 23.4 प्रतिशत मजदूरों ने खुदकुशी की थी। वहीं, हाउस वाइफ कीे आत्महत्या का आंकड़ा भी बहुत ऊंचा है। 2019 में 15.4 प्रतिशत औरतों ने खुदकुशी की।

यह आंकड़े नैशनल क्राइम रिकाॅड्र्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के हैं, जो पिछले साल जारी किए गए।

कोरोना से लड़ाई में सरकार ने कैसे लूटी मजदूरों के खून-पसीने की कमाई?

ब्यूरो का कहना है कि भारत में 2019 में 13123 खुदकुशी के मामले सामने आए।

चार साल में खुदखुशी का यह रेट सबसे ज्यादा 10.4 है। यानी हर एक लाख लोगों में से 10 ने आत्महत्या की है।

दिल्ली में पिछले साल 2526 लोगों ने खुदकुशी की। सभी केंद्र शासित राज्यों में यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।

यानी देश की राजधानी पहले नंबर पर है। हालांकि, पिछले दो सालों में यह दर ज्यादा नहीं है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.