ठेका मजदूर की दर्दनाक मौत, धरने के बाद मैनेजमेंट 15 लाख मुआवजा और एक परिजन को स्थाई नौकरी देने को राजी

विशाखापटनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) के एक ठेका मजदूर की मंगलवार शाम हुए भीषण हादसे में मौत हो गई। मज़दूर की पहचान पिलकावनिपलेम निवासी जी अप्पाला रेड्डी (50) के रूप में हुई है।

मैनेजमेंट ने पहले सिर्फ 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही। लेकिन इसके विरोध में यूनियन के धरने के बाद देर रात मैनेजमेंट 15 लाख मुआवजा और एक परिजन को स्थाई नौकरी देने को राजी हुआ।

यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक जहाज को डॉक (बंदरगाह) की तरफ खींचा जा रहा था।

जहाज को बंदरगाह तक खींचने वाली रस्सी या केबल को लपेटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक कैप्सटन (अपनी धुरी पर घूमने वाली मशीन), अपनी निश्चित जगह से उखड़ कर मजदूर को जा लगी।

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The Hindu की खबर के मुताबिक, CITU (HSL) के सदस्य कुमारमंगलम ने कहा कि मेटल के उस भारी टुकड़े से मजदूर को बड़ी जोर से आघात लगा होगा। जिसके कारण अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।

बुधवार सुबह साथी मजदूरों ने मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए HSL के गेट पर धरना दिया। ट्रेड यूनियन के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने HSL में काम करने वाले अन्य मज़दूरों को भी परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया।

साथ ही संगठन के सदस्यों ने देर शाम तक अप्पाला के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने की अनुमति नहीं दी। शव को HSL कॉलोनी के डिस्पेंसरी में रखा गया था।

मैनेजमेंट के साथ बैठक में, ट्रेड यूनियनों ने मांग उठाई कि मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए का भुगतान किया जाए और परिजनों को स्थायी नौकरी दी जाये।

कुमारमंगलम के बताया, “मैनेजमेंट के अधिकारी मुआवजे के नाम पैर मात्र 10 लाख रुपए के साथ सीमित समय के लिए रोजगार देने की बात कर रहे थे, जिसके लिए हम सहमत नहीं थे।”

देर रात को हुए समझौते पर HSL मैनेजमेंट मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए का मुआवजा और एक परिजन को स्थायी नौकरी के देने को राजी हुआ।

इसके बाद मजदूरों ने बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दिया।

गौरतलब है कि अगस्त 2020 में, 11 मज़दूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जब शिपयार्ड में खड़ी की जा रही 70 टन की एक क्रेन ढह गई और मजदूरों पर जा गिरी।

मैनेजमेंट अगस्त 2020 के हादसे में मृत के सत्तीराजू की पत्नी ललिता कुमारी को स्थाई नौकरी देने के लिए भी राजी हुआ।

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