हरियाणा कृषि मंत्री का आपत्तिजनक बयान- किसान एक्सिडेंट से तो नहीं मरे न! मांगनी पड़ी माफी

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बीते 80 दिनों से भी ज़्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों में 200 से अधिक की मौत पर दिया संवेदनहीन बयान हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को महंगी पड़ गई।

शनिवार को हरियाणा के भिवानी में बर्ड फ्लू के हालात पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई थी। उसके बाद पत्रकारों के सवाल जवाब में उन्होंने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के बारे में आपत्तिजनक बात कह दी और बाद में बवाल बढ़ता देख रात में ही उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ‘ये जो 200 किसान मरे हैं, अगर घर पर होते तो भी मरते।’

उन्होंने कहा कि ‘कोई हार्ट अटैक से तो कोई बुखार से मर रहा है।’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने यहां तक कह दिया कि ‘ये किसान स्वेच्छा से मरे हैं।’

जल्द ही इस बयान का वीडियो वायरल हो गया और मंत्री जी को रात में ही एक वीडियो बयान जारी कर सफ़ाई देते हुए माफ़ी मांगनी पड़ी।

कृषि मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की है।

रणदीप सुरजेवाला ने जेपी दलाल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “आंदोलन में संघर्षरत अन्नदाताओं के लिए इन शब्दों का प्रयोग एक संवेदनहीन और संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। शर्म, मगर इनको आती नहीं। पहले किसानों को पाकिस्तान व चीन समर्थक बताने वाले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए.”

सवाल जवाब के दौरान मंत्री जेपी दलाल ने अपने तर्क के समर्थन में ये भी कहा था, “मुझे ये बता दो कि हिंदुस्तान की एवरेज उम्र कितनी है? और साल के कितने मरते हैं। उसी अनुपात में मरे हैं. 135 करोड़ लोगों के लिए संवेदनाएं हैं।”

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘ये एक्सिडेंट में नहीं मरे हैं, स्वेच्छा से मरे हैं। संवेदना प्रकट करने के सवाल पर हंसते हुए जेपी दलाल ने कहा कि मरे हुए के प्रति पूरी पूरी मेरी हार्दिक संवेदना है।

हंगामा देख जेपी दलाल ने एक वीडियो बयान जारी किया और कहा कि उन्हें किसानों के प्रति बहुत संवेदना है और जबतक वो रहेंगे किसानों की भलाई में काम करेंगे।

उन्होंने सफ़ाई पेश करते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।

उल्लेखनीय है कि संसद सत्र के दौरान पीएम मोदी एक बार राज्यसभा में और दूसरी बार लोकसभा में बोल चुके हैं लेकिन उन्होंने भी आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के लिए एक शब्द नहीं कहा।

बल्कि उलटे मोदी ने इन किसानों को बरगलाया हुआ सिख बताने की कोशिश की और पंजाब में मोबाइल टॉवरों को तोड़े जाने पर दुख और आक्रोश व्यक्त किया।

किसानों के बारे में की गई टिप्पणी के लिए नरेंद्र मोदी की संयुक्त किसान मोर्चे ने निंदा भी की थी।

अपने विवादित बयान में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने ये भी कहा था कि ‘पंजाब में किसान आंदोलनकारी मोबाइल टॉवर तोड़ रहे हैं, यूपी में तो सख़्त क़ानून पास है कि अगर किसी ने ऐसा किया तो उसकी भरपाई उसी कराई जाएगी।’

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