योगेंद्र यादव गिरफ़्तार, मेधा पाटकर को आगरा में रोका, जंतर मंतर से ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया

Police arrested yogendra yadav

पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसान जत्थों को जगह जगह रोकने, पानी की बौछार डालने, रास्ता बंद करने के बीच हरियाणा में स्वारज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

उधर यूपी से दिल्ली की ओर आ रहीं मेधा पाटकर और प्रतिशा शिंदे को यूपी पुलिस ने आगरा के पास रोक दिया है। दिल्ली के से सटे राज्यों की सीमाएं युद्ध स्थल जैसी हो गई हैं और जगह जगह तारबंदी के साथ साथ बड़े बड़े पत्थर सड़कों पर डाल दिए गए हैं।

उधर आम हड़ताल के लिए जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेताओं को सभा समाप्त होने से पहले ही वहां से हटने पर मजबूर कर दिया गया और कुछ ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

सीटू के जनरल सेक्रेटरी तपन सेन ने कहा कि ‘सरकार जितना भी तानाशाही रवैया अख़्तियार कर ले मज़दूर और किसान सड़कों पर उतर चुके हैं।’

एटक की जनरल सेक्रेटरी अमरजीत कौर ने कहा कि ‘आज लगभग 25 करोड़ मज़दूर और कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे और पिछली बार के मुकाबले इस बार और अधिक संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं।’

Central Trade Unions protest at jantar mantar

गौरतलब है कि देश के क़रीब सवा चार सौ किसान संगठनों की संयुक्त संघर्ष कोआर्डिनेशन कमेटी ने 27 नवंबर को दिल्ली कूच का आह्वान किया था और 25 नवंबर से ही पंजाब से किसान चलना शुरू कर दिए थे, जिन्हें जगह जगह रोका जा रहा है।

कई जगह पुलिस ने कंक्रीट के बैरिकेड खड़े कर दिए हैं और उनमें कंटीले तार बांध दिए हैं।

अम्बाला से आज सुबह चलने वाले किसानों को जगह जगह रोका जा रहा है लेकिन किसान बैरिकेड लाघंते हुए दिल्ली की ओर चले जा रहे हैं।

farmers protest Haryana 2

अम्बाला ब्रिज के पास हरियाणा पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार छोड़ी और पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प भी होने की ख़बरें हैं।

हरियाणा पुलिस किसी भी क़ीमत पर किसानों को हरियाणा में प्रवेश नहीं करने देना चाहती है।

Police barricade

किसान ट्रैक्टर ट्राली, कारों के काफिले और पैदल हाईवे पर चल रहे हैं। अम्बाला, सोनीपत, सिरसा में किसानों को रोका जा रहा है। दिल्ली को जाने वाले सात रास्तों को सील कर दिया गया है।

यहां तक कि जो बसें हरियाणा और पंजाब से दिल्ली की ओर आ रही हैं उनमें भी पुलिस गहन चेकिंग कर रही है ताकि कोई किसान उसमें बैठकर दिल्ली न पहुंचे।

farmers protest Haryana police checking

मोदी सरकार पूरी तरह कोशिश कर रही है कि वो किसानों को किसी भी क़ीमत पर दिल्ली में न घुसने दे।

किसान संघर्ष समिति ने मोदी सरकार के पास किए हुए तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की है, जिसके तहत जमाखोरी को मंजूरी दी गई है, मंडी के अलावा भी निजी कंपनियों अढ़तियों को फसल बेचने का क़ानून बनाया है और कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग की अनुमति दे दी है।

इसी तरह ट्रेड यूनियनें भी 28 श्रम क़ानूनों को ख़त्म कर तीन लेबर कोड बनाने का पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं और नए क़ानूनों को तत्काल निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

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