हेमा मालिनी ने कहा- किसानों को कुछ नहीं पता, मंत्री ने कहा- क़ानून की प्रतियां जलाना संसद का अपमान

hema malini on farmers issue

एक तरफ़ पूरे देश में किसान आंदोलन लगातार ज़ोर पकड़ रहा है, लेकिन मोदी सरकार, उसके मंत्री, नेता और सांसद लगातार किसान आंदोलन के ख़़िलाफ़ बोलने से बाज नहीं आ रहे।

हालिया बयान बीजेपी सांसद हेमा मालिनी का आया है। उन्होंने कहा है कि ‘जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें तो खुद पता नहीं कि वे क्या चाहते हैं और कृषि कानूनों में दिक्कत क्या है? इससे पता चलता है कि वे किसी के कहने पर प्रदर्शन कर रहे हैं।’

हेमा मालिनी ने यह भी कहा कि ‘कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगना अच्छी बात है, इससे मामला शांत होने की उम्मीद है।’

हेमा मालिनी 2019 में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान खेतों में गेहूं के खेतों के बीच खड़ी फोटो खिंचवाई थी, जो उस समय बहुत चर्चित रही। हालांकि कुछ लोगों ने इसे दिखावा करार देते हुए आलोचना भी की थी।

सरकार और किसान संगठनों के बीच 15 जनवरी को होने वाली नए दौर की बातचीत को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।

मोदी सरकार ने कहा है कि किसान संगठनों को सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित चार सदस्यीय कमेटी के सामने अपनी राय रखनी चाहिए, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि उनकी इस तरह की किसी कमेटी की कोई मांग नहीं थी, इसलिए इसमें शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है।

कृषि राज्य मंत्री कैलाष चैधरी ने समाचार एजेंसी भाषा’ से कहा कि फिलहाल बैठक होना तय है और आगे दोनों पक्ष तय करेंगे कि बातचीत करनी है या नहीं करनी है।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कृषि कानूनों की प्रतियां जलाए जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘मैं किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि कानूनों की प्रतियां जलाने से कुछ नहीं होने जा रहा है। उन्हें अपना पक्ष अदालत द्वारा गठित निष्पक्ष समिति के समक्ष रखना चाहिए।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या आपको नहीं लगता कि कानूनों की प्रतियां जलाना उस संसद का अपमान है जिसने इन कानूनों को पारित किया है?’’

उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों के आह्वान पर बुधवार को लोहड़ी के मौके पर पूरे देश में कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाई गईं।

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