सरकार-किसानों के बीच बातचीत फिर बेनतीजा, 8 जनवरी को अगली बैठक

नई दिल्ली सरकार और किसानों के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर सातवें दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई है।

उम्मीद की जा रही थी कि आज की बैठक निर्णायक होगी, हालांकि बात नहीं बनी. आठवें दौर की अगली बैठक अब 8 जनवरी को होगी. बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानूनों की वापसी के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है।

किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि, ‘8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर और दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।

किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा की।

किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है.

पंजाब के भाजपा नेताओं ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले लगभग छह सप्ताह से जारी आंदोलन के बीच मंगलवार को पंजाब के भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, पंजाब भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्ञानी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। ज्ञानी को पिछले साल तीन कृषि विधेयकों पर पंजाब के किसानों से चर्चा के लिए भाजपा की ओर से गठित किसान समन्वय समिति की अध्यक्षता सौंपी गई थी। उस समय ये विधेयक संसद से पारित नहीं हुए थे।

ग्रेवाल भी इस समिति के सदस्य थे। ग्रेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात पंजाब संबंधी मुद्दों पर थी। उन्होंने इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी। पंजाब भाजपा के इन नेताओं की प्रधानमंत्री से मुलाकात सरकार और किसानों के बीच सोमवार को संपन्न हुई सातवें दौर की वार्ता के ठीक एक दिन बाद हुई है। उस बैठक में गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल सका था।

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