रेनॉल्ट-निसान के अब तक 1,216 मजदूर हुए कोरोना संक्रमित, 6 मजदूरों की हो चुकी है मौत

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ओरगदम, तमिलनाडु स्थिति रेनॉल्ट निसान ऑटोमोबाइल के 1,216 मजदूर अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मौजूदा समय में 50 एक्टिव केस हैं और मई 2020 से अब तक 6 मजदूर की मृत्यु हो चुकी है। यह जानकारी औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशालय ने मद्रास हाईकोर्ट से साझा की है।

एडवोकेट जनरल आर शुनमुगसुंदरम ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति को अवगत कराते हुए कहा कि 2 अप्रैल 2021 तक फैक्ट्री में 7,607 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन यह संख्या अब कम हो चुकी है। 25 मई के आंकड़े के मुताबिक मौजूदा समय में 5,153 मजदूर काम कर रहे हैं।

इसके साथ ही निर्माण कार्य की गति में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि कार निर्माण की गति 750 प्रतिदिन से गिरकर 414 कार प्रतिदिन पर आ गई है।

ऑटोमोबाइल उद्योग को तालाबंदी से छूट देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मजदूरों ने केस दायर किया हुआ है। इसी की सुनवाई के दौरान ये तथ्य कोर्ट के सामने रखे गए।

मजदूरों ने यह शिकायत की है कि 1 जून को प्रबंधन और उनके बीच तय हुए कोरोना प्रोटोकॉल को लागू करने की बात पर मैनेजमेंट नाकाम रहा है।

सीनियर वकील वी. प्रकाश ने कहा कि पिछली सुनवाई के बाद मजदूर काम पर लौट आए। मजदूरों ने ‘औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य’ के निदेशक की उपस्थिति में मैनेजमेंट के साथ समझौता किया।

समझौते का मुख्य पहलू ट्रिम और चेसिस और बॉडी शॉप में खाली पिच अनुपात 3: 1 था ताकि जरूरी शारीरिक दूरी बनाई जा सके।

लेकिन कोर्ट में यह बताया गया कि मैनेजमेंट द्वारा इसका पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।

वहीं मैनेजमेंट की तरफ से एडवोकेट संजय मोहन ने कहा कि कंपनी 7 जून को मजदूरों से इस बारे में बात करेगी और 8 जून को कोर्ट को इसे बारे में अवगत कराएगी।

वकील ने यह भी कहा कि कंपनी संयुक्त निदेशक द्वारा दिए गए अन्य सुझावों को लागू करने की प्रक्रिया में है।

बेंच ने लिखा, ”मौजूदा संक्रमण की स्थिति देखते हुए मजदूरों को इसे लेकर आशंकित होने के लिए तुरंत दोषी नहीं कहा जा सकता है। किसी भी स्थिति में, लॉकडाउन के दौरान दी गई छूट के लिए कोरोना प्रोटोकॉल को बनाए रखने की आवश्यकता होती है। औद्योगिक सुरक्षा निदेशालय द्वारा चिह्नित मुद्दों पर ध्यान दिया जाना है। आशा की जाती है कि 7 जून को मैनेजमेंट और मजदूर मिलकर एक स्थायी समझौते पर पहुंचेगे।”

(साभार- द हिंदू)

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