UFBU ने किया दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान, एटक ने की सफलता की कामना

सरकारी बैंकों के कर्मचारी ने आगामी 30 और 31 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।

ज्ञात हो कि बीते 12 जनवरी को मुंबई में आजोजित एक बैठक में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने इस बात की घोषण की थी। यूएफबीयू देश के अधिकतर बैंक कर्मियों और अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करती है।

वहीं एटक की अध्यक्ष अमीरजीत कौर ने 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारीयों की इस हड़ताल से सफलता मिलने की कामना की है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन बीते लम्बे समय से बैंक कर्मियों के लिए सप्ताह में पांच कार्य दिवस, पेंशन अपडेशन, नई पेंशन स्कीम को खत्म करने, वेतन में वृद्धि, कर्मचारियों की नई भर्ती और मांग पत्र पर तुरंत चर्चा की मांग कर रही है।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी ।

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गौरतलब है कि है कि मोदी सरकार लगातार इस तैयारी में है कि जल्द से जल्द बाकि बचे बैंकों को भी निजी हाथों में सौंप दिया जाये। शायद यही कारण है कि तत्कालीन सरकार यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन कि मांगों को अनदेखी कर रही है।

बैंकों के निजीकरण को लेकर जहां एक तरफ National Council of Applied Economic Research (NCAER) की पूनम गुप्ता और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, अरविंद पनगढ़िया ने सरकारी बैंकों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया है, जिसमें मोदी सरकार को सुझाव दिया गया है कि SBI को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण कर देना चाहिए।

अगर सरकार इस पर अमल करती है तो पंजाब नैशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ोदा (BoB) जैसे बैंकों की हिस्सेदारी भी बेच देगी।

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