मज़दूरों की हड़ताल के आगे झुका प्रबंधन,ईपीएफ के बकाये 29 लाख रुपये तुरंत जमा करने का मिला नोटिस

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मार्शल मशीन्स मज़दूर यूनियन, पंजाब द्वारा ईपीएफ कार्यालय, लुधियाना पर अपने अधिकारों के लिए बुधवार को एक दिन की हड़ताल करके आवाज बुलंद की गई. मज़दूरों की मांग थी की कंपनी द्वारा मज़दूरों के ईपीएफ में बकाया 29 लाख रुपये तुरंत जमा कराये जाये.

जिसके बाद दबाव में कंपनी को 29 लाख रुपए सुरक्षा राशि जमा करते हुए इस महीने पूरा बकाया ईपीएफ विभाग में जमा करने का वायदा करना पड़ा. वहीं मार्शल कंपनी के खिलाफ़ मज़दूरों द्वारा पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई.

सी.एन.सी. टर्निंग मशीन बनाने वाली मार्शल मशीन्स लिमिटेड कंपनी के मालिकों द्वारा मज़दूरों का जून 2023 से अब तक काटी गई ईपीएफ की राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई है और बहुत सारे मजदूरों को ईपीएफ की सहूलत नहीं दी जा रही है.

मज़दूरों की शिकायत हैं की उनको दो-तीन महीनों से ईपीएफ के दायरे में लाया गया है जबकि वो अनेकों साल पहले काम पर लगने की तारीख से ही इसके लिए योग्य थे. इस दौरान मालिकों द्वारा मज़दूरों की मेहनत का पैसा दबाने के कारण मज़दूरों का बहुत ज्यादा नुक़सान हुआ है.

कंपनी ने वायदा किया था कि 30 सितंबर 2023 तक सारी ईपीएफ बकाया राशि ईपीएफ विभाग को जमा करवा दी जाएगी. लेकिन वायदाखिलाफी ने मज़दूरों को रोष से भर दिया और 4 अक्टूबर को एक दिन की हड़ताल हुई.

हड़ताल के दवाब में कंपनी ने वायदा किया कि इस महीने में सारा पैसा ईपीएफ विभाग को जमा करवाया जाएगा. सिक्योरिटी के तौर मालिकों द्वारा 29 लाख रुपए का चेक ईपीएफ विभाग को जमा करवाना पड़ा.

साथ ही, रीज़नल प्रावीडेंट फंड कमिश्नर एस.के. पांडे ने पुलिस कमिश्नर, लुधियाना को शिकायत लिखी है कि उनके विभाग द्वारा मार्शल कंपनी के मालिकों के खिलाफ़ की गई शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए.

इस कार्रवाई के बाद मज़दूर यूनियन ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी हैं.

(मेहनतकश की खबर से साभार)

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