सेंचुरी मिल्स के बिक्रीनामे की तत्काल जांच की मांग, करोड़ों की धांधली का आरोप

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मेधा पाटकर ने सेंचुरी टेक्सटाइल और इंडस्ट्रीज द्वारा खरगोन जिले के कसरावद तहसील के सतराटी स्थित दो इकाइयों को मनजीत ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को बेचने के सौदे को फर्जी निरूपित करते हुए इसकी तत्काल जांच की मांग उठाई है।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 में सेंचुरी ने यह इकाई वेयरिट ग्लोबल को मात्र ढाई करोड रुपए में बेच दी थी, जबकि इसका औद्योगिक मूल्यांकन 426 करोड़ बताया गया था। विभिन्न न्यायालयों ने इस सौदे को फर्जी पाते हुए श्रमिकों तथा कर्मचारियों को वेतन दिए जाने के निर्देश दिए थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि सेंचुरी ने इसी तरह की पुनरावृत्ति करते हुए शासकीय गाइडलाइन का पालन नहीं किया तथा धांधली करते हुए स्टांप ड्यूटी बचाई और मनजीत ग्लोबल प्रायवेट लिमिटेड को उक्त इकाइयां मात्र 62 करोड़ रु में बेच दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि गत 3 अगस्त को विगत 44 महीनों से सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि सेंचुरी ने मिल बंद करने की प्रक्रिया नहीं अपनाते हुए करीब 1000 मजदूरों तथा कर्मचारियों के रोजगार को खतरे में डाल दिया। उन्होंने कहा कि मजदूरों तथा कर्मचारियों को वीआरएस नहीं बल्कि रोजगार चाहिए।

गौरतलब है कि जिले के कसरावद विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम सत्राटी में सेंचुरी मिल्स जो कि 1993 और 1996 से चलती आई है। यार्न और डेनिम की टैक्सटाइल्स मिल्स 1,000 से अधिक श्रमिक और करीबन 400 ठेका मजदूरों को रोजगार देती रही है।

10 से 25 सालों तक इन मिलों में पसीना बहाते श्रमिकों का रोजगार के हक के लिए 2017 से करीब 4 साल चलता आया सत्याग्रह औद्योगिक न्यायालय ने वैध और संवैधानिक घोषित किया था।

साभार- (यूनीवार्ता,अग्निआलोक)

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