विरोध के बीच लोकसभा में पास हुआ ”आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक”, हड़ताल पर दो साल तक की सजा का प्रावधान

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लोकसभा में ”आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021” को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

अब अगले दो तीन दिनों में सरकार इस बिल को राज्यसभा से पारित करवाने की कोशिश करेगी। राज्यसभा से पास हो जाने पर इसे नियम के तहत राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून में बदल जाएगा। फिलहाल इससे सम्बंधित अध्यादेश सरकार ने लागू कर रखा है। बिल में अध्यादेश के नियमों को ही रखा गया है ताकि इस अध्यादेश को क़ानून में बदला जा सके।

मोदी सरकार ने आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश बीते 30 जून को लागू किया है। इस अध्यादेश में रक्षा उत्पादन से जुड़े संस्थानों को आवश्यक रक्षा सेवा की श्रेणी में लाया गया है।

अध्यादेश के मुताबिक आवश्यक रक्षा सेवा के अंतर्गत आने वाले संस्थानों में अगर हड़ताल करने की कोशिश की जाती है तो उसे गैर कानूनी माना जाएगा। वहीं इसमें अब जेल की सजा का भी प्रावधान है।

ऐसा करने वाले व्यक्ति के लिए अध्यादेश में एक साल की सजा और दस हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति को हड़ताल करने के लिए उकसाता है तो उसके लिए दो साल की सजा और पंद्रह हजार रुपए के ज़ुर्माने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि देशभर में आयुध कारखाना बोर्ड के तहत 41 आयुध कारखाने आते हैं। इन कारखानों में सैनिकों के यूनिफॉर्म से लेकर हथियार , गोला बारूद और बड़े बड़े तोप तक बनाए जाते हैं। पिछले महीने की 16 तारीख को हुई कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने इन सभी कारखानों को 7 निगमों में बांटने का फैसला लिया है।

रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे मजदूर संगठनों का दावा है कि मोदी सरकार इस कदम के बहाने इन कारखानों का निजीकरण कर रही है। इन कारखानों में करीब 80000 मजदूर और कर्मचारी हैं जो एक स्वर में इसका विरोध कर रहे हैं।

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