हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को कोर्ट ने दी चेतावनी

MDC sanitation workers

4  मार्च को  एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी के सफाई कर्मचारियों और यूनियनों को चेतावनी देते हुए कहा कि  वेतन का भुगतान न करने पर वो लोग  राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर कचरा फेंकने और निगम के अन्य स्टाफ सदस्यों को अपनी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते हैं।

उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि “उन्हें उनका वेतन मिलेगा।  नगर निगम के ‘ सफाई कर्मचारियों ‘ को समझना चाहिए कि वे आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और किसी भी अवैध गतिविधि में लिप्त नहीं होंगे।”

पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) द्वारा उच्च न्यायालय को सूचित किया गया था कि कई सफाई कर्मचारी यूनियन ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया है। सफाई कर्मचारी  सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं और उनके  निगम के कामकाज में बाधा डालने से रोका जाए।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, “किसी भी परिस्थिति में अदालत यूनियनों या उसके सदस्यों को किसी भी ऐसे कार्य को करने की अनुमति नहीं देगी जो कानून को अपने हाथ में लेने के समान है।”

पीठ ने इस मामले में पेश न होने पर हड़ताल का आह्वान करने वाली एमसीडी स्वच्छता कर्मचारी यूनियन के नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए।

हालांकि उन्होंने पीठ को आश्वासन दिया कि उनकी यूनियन के सदस्य हड़ताल पर नहीं जाएंगे क्योंकि वेतन भुगतान न करने से संबंधित मामला कोर्ट में लंबित था।

अदालत ने कहा सफाई कर्मचारियों और यूनियनों को सूचित करते हुए कहा कि “हम सहमत है कि आप सभी को अपने वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आप सब को आपका  बकाया मिलता रहे है। ”

पीठ ईडीएमसी की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिवक्ता मनु चतुर्वेदी के माध्यम से दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि काम करने के इच्छुक सफाई कर्मचारियों या अन्य कर्मचारियों-अधिकारियों के काम में इन प्रदर्शनों की वजह से कोई परेशानी न आए।

मालूम हो कि दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों पिछले को पिछले कई महीनों से उनके सैलरी का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके बाद से सफाई कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहें हैं।

उनके वेतन भुगतान से संबंधित मामला अभी दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है।

सफाई कर्मचारियों के यूनियन के एक सदस्य ने बताया कि वो फिलहाल अपने काम को करते हुए आंदोलन को आगे चला रहे हैं,इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी जानबूझ कर अदालत में भ्रम की स्थिती पैदा कर रहे हैं।

एक सफाई कर्मचारी ने बताया कि “कोरोना काल के समय जब लोग अपने घरों में थे,हम सड़क पर अपना काम कर रहे थे। हमें फ्रंट लाइन वॉरियर बता कर हम पर फूल बरसाये जा रहे थे और अब हमारे वेतन रोक दिये गये है।”

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