मानेसर में 1810 एकड़ भूमि अधिग्रहण में मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना, 21 को 360 गावों की महा पंचायत का ऐलान

हरियाणा के आईएमटी मानेसर ने जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी द्वारा 22 जून से लगातार कई गांवों की 1810 एकड़ भूमि को बचाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है।

संघर्ष कमेटी ने 21 अगस्त को हरियाणा के 360 गांव की एक बड़ी पंचायत गुड़गांव आईएमटी मानेसर तहसील में करने का ऐलान भी किया। किसानों के समर्थन में इनाके की मजदूर यूनियनें भी आ गई हैं।

बेलसोनिका यूनियन और अन्य मजदूर यूनियनों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है।

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सरकार द्वारा दिया जा रहा है कम मुआवजा

जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के महा सचिव रोशन ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि हरियाणा स्थित कासन, ढाणी प्रेमनगर (कासन), सहारदन, नैनवाल, कुकडोला, मोकलदास, पुखरपुर, खरखड़ी, बासलम्बी, बासकुशला, अलियार, खोह, मानेसर, बहरपुर (कासन), जमालपुर, नरसिंहपुर, वजीराबाद और सिधरावली गांव की 1810 एकड़ जमीनों पर सरकार द्वारा काम मुआवजा दिया जा रह है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 55 लाख रुपए देना चाहती है। जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां की जमीन की कीमत 20-21 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है।

बेलसोनिका यूनियन के सदस्य सुनील, अतुल और मोहिंदर ने जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी और परेशांन किसान द्वारा किये जा रहे धरने में पहुंच कर अपनी भागीदारी दी और प्रदर्शन का समर्थन किया है।

साथ ही प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए अन्य मज़दूर और किसान संगठनों से भारी संख्या में भागीदारी देने की मांग करी है।

21 अगस्त को होगी महा पंचायत

प्रदर्शन में मौजूद किसानों का कहना है कि हम अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।

इसको लेकर 360 गांव की एक बड़ी पंचायत गुड़गांव आईएमटी मानेसर तहसील में आने वाली 21 अगस्त 2022 को करने जा रहे हैं।

जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने किसान मजदूर संगठनों से अपील की है कि वह झाड़सा प्रदर्शन में पहुंचे और सरकार के इन जनविरोधी फैसलों की इस लड़ाई में हमारा सहयोग करें।

शुक्रवार को प्रदर्शन में जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी महासचिव रोशन और पुनेपाल,  AIUTUC के रामकुमार और बेलसोनिका के अतुल, सुनील और मोहिंदर शामिल हुए। धरने में गांव से आये किसानों ने भी हिस्सा लिया।

(स्टोरी संपादितः शशिकला सिंह।)

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