मारुति और कंपोनेंट मेकर प्लांट 5 दिन के लिए बंद, लेकिन नहीं कटेगा मजदूरों का वेतन

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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का हरियाणा प्लांट पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

इस दौरान हरियाणा के मानेसर और गुड़गांव में स्थित मारुति, पॉवर ट्रेन व बेलसोनिका प्लांट सभी प्लांट में मज़दूरों की छुट्टियां चल रही हैं।

इन प्लांटों से जुड़े मजदूर नेताओं का कहना है कि साल में दो बार मेंटनेंस के लिए प्लांट बंद किया जाता है और यह एक रूटीन प्रक्रिया है।

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मारुति के कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका में काम करने वाले एक मज़दूर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मारुति कंपनी के अंदर काम और छुट्टियों के बीच में सामंजस्य बनाया हुआ है।

मारुति के सभी प्लांटों में 365 दिनों में से 280 दिन काम का करने का प्रावधान है। सभी मज़दूरों और प्रबंधन के अधिकारीयों को साल में 85 छुट्टियां मिलती हैं।

इनमें 52 छुट्टियां तो साप्ताहिक होती हैं। साथ ही मारुति साल में दो बार प्लांट में उत्पादन को मरम्मत और रखरखाव के लिए बंद करता है जिसमें 12 छुट्टियां मिलती हैं। इसके साथ ही 3 नेशनल हॉलीडेज होते हैं । प्लांट में मज़दूरों और प्रबंधन को 10 छुट्टियां अन्य छुट्टियों के नाम से दी जाती हैं।

छुट्टियों का नहीं काटा जाता है वेतन

साथ ही मजदूरों को 9 छुट्टियां और मिलती हैं जिनके लिए मज़दूरों को रोज़ अपने काम के घंटों में से 15 मिनटंं अधिक काम करना होता है, साल भर 15 मिनट काम के बाद जो छुट्टियाँ बनती हैं वो कुल मिला कर 9 दिनों की होती हैं। इन सभी छुट्टियों को कोई भी वेतन नहीं काटा जाता है। इन 9 छुट्टियों को ओवर टाइम का नाम दिया जाता है।

एक अन्य मजदूर नेता ने बताया कि जो अभी 5 छुट्टिया मिली हैं उनमें से एक एक छुट्टी मुहर्रम और रक्षाबंधन की है। जबकि दो छुट्टियां वह हैं जो प्रतिदिन 15 मिनट ज्यादा काम करने की हैं।

इसी तरह हर त्यौहार पर मारुति अपने मज़दूरों को एक दो छुट्टी अतिरिक्त देकर उन 9 छुट्टियों को एडजेस्ट कर लेती है।

उनका कहना है कि मारुति कि इस नीति से सभी मज़दूर खुश है। इन छुट्टियों में मज़दूरों को अपने और भी बहुत से काम करने में आसानी हो जाती है और बीच में छुट्टियां लेने की जरूरत नहीं होती है।

गौरतलब है कि आटो सेक्टर में जबसे नीम ट्रेनी, एफटीई, अप्रेंटिस, स्किल इंडिया के तहत भर्ती आदि द्वारा मजदूर लिए जा रहे हैं, उन्हें समान काम का समान वेतन नहीं दिया जाता है।

बल्कि उनसे 12-12 घंटे काम कराया जाता है और जरूरी छुट्टियां भी नहीं दी जातीं। ऐसे में मारुति की छुट्टियां राहत देने वाली बात है।

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