NPS हटा सरकार ने वापस लागू की पुरानी पेंशन स्कीम, कुछ राज्यों में शुरू

सरकार भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की है।

इस स्कीम के अंतर्गत 1 जनवरी 2004 और उसके बाद सरकारी नौकरी में आए कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पुरानी पेंशन लेने के पात्र हो गए हैं।

इसके तहत 31 मार्च 2022 से पहले जो कर्मचारी अपनी सेवा से रिटायर हो गए हैं, उन्हें भी इस नियम के हिसाब से पेंशन के लाभ इस साल अप्रैल से दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री द्वारा इसे नई पेंशन नियमों की समीक्षा और व्यवस्थीकरण के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (SSOVA) की 32वीं बैठक में लागू किया गया।

कुछ राज्यों में योजना लागू

राजस्थान सिविल सेवा अंशदायी पेंशन नियम 2005 यानी नई पेंशन योजना (NPS) को खत्म कर दिया है। वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए नियमों में बदलाव के आदेश जारी कर दिए हैं।

छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन लागू किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है।

साथ ही नई पेंशन योजना के तहत कटौती खत्म करने का भी आदेश दिया गया है। इस संबंध में सभी विभागों के अध्यक्षों को लेटर भी लिखा गया है।

कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल करने की लगातार मांग की जा रही है।

राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अब वेतन का 50 % पेंशन के रूप में देने के प्रावधान को कानूनी रूप से लागू कर दिया है। इसके तहत सरकार के नियमों में बदलाव की अधिसूचना जारी हो गई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की थी, जिसके बाद 1 अप्रैल से NPS के लिए कर्मचारियों के वेतन से कटौती बंद कर दी गई।

सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा

गौरतलब है कि राजस्थान में 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम में लिया गया था।

अब राजस्थान सरकार ने 1 अप्रैल से नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से हर महीने बेसिक की 10 % कटौती बंद कर दी है।

गौरतलब है कि नयी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों-अफसरों के वेतन से कटने वाला लगभग 39,000 करोड़ रुपए PFRDA में जमा हैं।

अब इस ऐलान के बाद राज्य सरकार पुरानी पेंशन के नियमों में प्रावधान बनाके केंद्र सरकार की एजेंसी PFRDA में जमा पैसा वापस मांगेगी।

PFRDA को पुरानी पेंशन बहाली के आदेश और अधिसूचना के साथ लेटर भेजा जाएगा. दरअसल, अब इस घोषणा के बाद राज्य सरकार के पास प्री मैच्योर एग्जिट का आधार बन गया है।

बेसिक सैलरी के 10 % की कटौती

नयी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी के मूल वेतन से 10 प्रतिशत राशि काटी जाती है और उसमें सरकार 14 फीसदी अपना हिस्सा मिलाती है।

पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी।

पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था।

वहीं, नयी पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है।

जीपीएफ और पेंशन

पुरानी पेंशन योजना में जनरल प्रॉविडेंट  फंड (GPF) की सुविधा होती थी लेकिन नयी स्कीम में यह नहीं है।

पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। नयी पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।

डीए और ग्रैच्युटी

पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारियों को भी हर छह महीने में मिलने वाला महंगाई भत्ता मिलता था। नई स्कीम में इसकी व्यवस्था नहीं है।

पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी मिलती थी। नयी पेंशन स्कीम में ग्रैच्युटी का अस्थाई प्रावधान है।

जीपीएफ पर ब्याज

पुरानी योजना में कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों को भी पेंशन मिलती थी।

नयी पेंशन स्कीम में भी कर्मचारी की मौत पर परिजनों को पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसा सरकार ले लेती है।

पुरानी पेंशन योजना में GPF के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन नई स्कीम में शेयर बाजार की गति के आधार पर जो पैसा मिलता है, उस पर टैक्स भी देना पड़ता है।

40 % रकम सरकार के पास

पुरानी स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय GPF में कोई निवेश नहीं करना होता था। नई स्कीम में 60 फीसदी फंड रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिल जाता है।

बाकी 40 फीसदी सरकार निवेश करती है और उसके आधार पर हर महीने की पेंशन मिलती है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.