कोर्ट की फिर अवमानना: इंटरार्क किच्छा से पुलिस द्वारा मशीनें शिफ्ट कराने से मजदूर आक्रोशित

इंटरार्क कंपनी किच्छा से पुलिस प्रशासन द्वारा कंपनी से मशीनों को शिफ्ट कराने से आक्रोशित मजदूरों और उनके परिवार की महिलाएं कंपनी गेट पर भारी संख्या में उपस्थित हुई और किच्छा शहर में जोरदार प्रदर्शन किया।

इंटरार्क मजदूर संगठन ने बताया कि पुलिस ने इंटरार्क मजदूरों के प्रति दमनकारी रुख अपनाया। किच्छा प्लांट के श्रमिक साथी हृदयेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और कोतवाली ले जाकर नजरबंद कर दिया। किन्तु मजदूरों ने अपनी एकजुटता के बल पर साथी हृदयेश को छुड़ा लिया।

उधर इंटरार्क मजदूरों के समर्थन में गये सामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत विश्वास के साथ पुलिस ने हाथापाई की जिसमें उन्हें खरोंच आई और पैर में काफी चोट आई है। उन्हें फिलहाल अस्पताल ले गए हैं।

प्रबंधन-पुलिस गठजोड़ से कोर्ट के आदेश की अवमानना पर रोष

प्रदर्शन के साथ एसडीएम के माध्यम से एसएसपी ऊधमसिंह को ज्ञापन प्रेषित कर अवगत कराया कि 7 सितंबर को प्रातः करीब 4:30 बजे इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड किच्छा जिला ऊधमसिंह नगर के प्रबंधन ने साजिश के तहत आयशर गाड़ी एवं टाटा कंपनी का ट्राला में कुछ मशीनों को लोड कर कंपनी गेट से बाहर ले आये और कंपनी के सुरक्षा गार्डो ने मशीनों को कंपनी से बाहर शिफ्ट करने की नीयत से तेज रफ्तार से गाड़ी आगे बढ़ाई।

मौका स्थल पर मौजूद मजदूरों ने उक्त गाड़ियों को गाड़ी को रोक दिया। ठीक उसी समय लालपुर चौकी इंचार्ज सुनील तत्काल एक दो मिनट के भीतर एवं कोतवाल किच्छा धीरेंद्र कुमार पुलिस फोर्स के साथ में करीब 5 मिनट में मौकास्थल पर पहुंच गये।

दोनों उच्च अधिकारियों का इतने कम समय में मौकास्थल इंटरार्क कंपनी किच्छा के गेट पर पहुंचना अत्यंत संदिग्ध प्रतीत होता है।

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इसके पश्चात घटनास्थल पर मौजूद पुलिस वालों ने उपस्थित सातों मजदूरों को पकड़कर दबोच लिया। उपस्थित पुलिस बल की संख्या करीब 18-20 थी।

कोतवाल किच्छा द्वारा फेसबुक पर घटना का लाइव प्रसारण कर रहे श्रमिक हृदयेश कुमार के मोबाईल पर हाथ से झपट्टा मारकर नीचे गिरा दिया और मोबाईल को तोड़ दिया। श्रमिक के दाहिने हाथ के अंगूठे के बगल की उंगली में गुमचोट भी आई।

interark-management

उसके पश्चात पुलिस ने मजदूरों को डरा धमकाकर और दबोचकर उपरोक्त मशीनों से भरी उपरोक्त गाड़ियों को बाहर भिजवा दिया और कंपनी से उक्त मशीनों को शिफ्ट करवा दिया। पुलिस एवं कंपनी प्रबंधन का उपरोक्त कृत्य बहुत ही गंभीर एवं संदिग्ध है। प्रबंधन के साथ सांठगांठ को ही दर्शाता है। और माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल की घोर अवमानना है।

बताया कि कंपनी प्रबंधन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कंपनी से उपरोक्त मशीनों को बाहर ले जाने की अनुमति मांगी थी। किन्तु माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा अपने आदेश दिनाँक- 21/03/2022, 21/05/2022 एवं 02/03/2022 द्वारा कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट करने पर रोक लगाई है और प्रबंधन को कंपनी से मशीनों को शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी।

इसी तरह से माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनाँक- 22/08/2022 को हुई सुनवाई के दौरान भी प्रबंधन की अपील को खारिज करते हुए कंपनी से उक्त मशीनों को बाहर ले जाने पर रोक लगाते हुए आदेश जारी किया। दिनाँक- 05/09/2022 को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान प्रबंधन ने मशीनों को बाहर शिफ्ट करने हेतु लगाई अपनी उक्त याचिका को स्वयं ही वापस ले लिया।

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इसके पश्चात भी कोतवाल महोदय घटनास्थल पर यह गलत तर्क दे रहे थे कि हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है इसलिए मशीन बाहर जाएंगे। फेसबुक पर यह लाइव देखा व सुना जा सकता है।

कंपनी से उक्त मशीनों को शिफ्ट करने की घटना माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की घोर अवमानना है। पुलिस द्वारा स्वयं ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना कर कंपनी से उक्त मशीनों को बाहर शिफ्ट कराना बहुत ही गंभीर विषय है और अन्याय पूर्ण कृत्य है। जबकि उच्च न्यायालय द्वारा एसएसपी ऊधमसिंह नगर को अपने उक्त आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने को आदेशित किया है। कानून के रखवाले ही उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने लगे तो गरीब व पीड़ित मजदूर कहाँ जाएं?

मज़दूरों ने दी चेतावनी

ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि तत्काल हस्तक्षेप कर कंपनी से शिफ्ट की गई उपरोक्त मशीनों को तत्काल कंपनी में वापस लाने और उच्च न्यायालय के उपरोक्त आदेशों की अवमानना करने वाले इंटरार्क कंपनी प्रबंधन एवं पुलिस अधिकारियों को दंडित किया जाए, अन्यथा श्रमिक व महिलाएं उच्च न्यायालय के उक्त आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने की मांग के साथ दिन में 2 बजे से कंपनी के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाने को मजबूर होंगे। इसकी समस्त जिम्मेदारी इंटरार्क कंपनी प्रबंधन एवं पुलिस प्रशासन की ही होगी।

कार्यक्रम में इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मुहम्मद, इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन वरिष्ठ नेता बलजिंदर सिंह मान, सामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत कुमार विश्वास, इंकलाबी मजदूर केंद्र के अध्यक्ष कैलाश भट्ट, लक्ष्मण सिंह, हृदयेश कुमार, सौरभ कुमार, वीरेन्द्र कुमार, रियाजुद्दीन, समेत भारी संख्या में मजदूर और महिलाएं शामिल थीं।

(साभार मेहनतकश)

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