मंगलवार को तपोवन के डाउनस्ट्रीम इलाके से बचाव दल को 6 और शव मिले। इस तरह से मृतकों की कुल संख्या 32 हो गई जबकि 174 लोग अब भी लापता बताए जा रहे है।
बचाव दल के कर्मियों का कहना है कि करीब 1.6 किलोमीटर लंबे सुरंग में पुरी तरह से मलवा भरा हुआ जिसकी वजह से राहत कार्य में बहुत मुश्किलें आ रही है। उनका कहना है कि फिलहाल उनकी सबसे बड़ी चिंता सुरंग के अंदर गिरते तापमान को लेकर है।
आटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए बताया की ” अभी सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि सुरंग के अंदर का तापमान बहुत कम होगा जो हाइपोथरमिया का कारण बन सकता है,जो ऐसे हालातों में मौत का कारण बन सकता है। समय बेहत कम है और बचाव दल अपनी पुरी ताकत से लगी हुई है।”
25 फुट लंबे 25 फुट चौड़े मुंह वाला ये सुरंग पॉवर जेनेरेटर तक पानी पहुंचाने के लिए बनाया गया था जो फिलहाल पुरी तरह से मलवे से भरा हुआ है।
आईटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि “हम बस आशा कर सकते है कि टनल में फंसे लोगों के पास सांस लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन उपलब्ध हो। हम 120 मीटर अंदर तक पहुंच चुके है और अंदर बुरी तरह से किचड़ भरा हुआ है।”
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने बताया कि “बचाव दल अपनी पुरी ताकत से राहत कार्य में लगा हुआ है। सुरंग के अंदर से किचड़ लगातार निकल रहे है,जिसकी वजह से राहत कार्य मंद पड़ जा रहा है।”
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