किसान मोर्चा ने की उन्नाव दलित बहनों के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग

virk ghazipur farmer leader

उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव ज़िले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्‍यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना करते हुए मामले की स्वतंत्र निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा है कि  ‘उत्तर प्रदेश की शासन-प्रशासन व्यवस्था एक बार फिर शक के घेरे में है जहां महिलाओं के लिए कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है। हम सरकार से मांग करते है कि पीड़ित को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाए। हम इस घटना की उच्‍चस्‍तरीय निष्पक्ष जांच कराने तथा दोषियों को सख्‍त सजा दिलाने की मांग करते हैं।’

संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा किसानों के ख़िलाफ़ दिए जा रहे बयानों की कड़ी निंदा की है।

मोर्चा के अनुसार, ‘अन्नदाता के संघर्ष का अपमान करना निंदनीय है। सयुंक्त कि सान मोर्चा कमल पटेल द्वारा दिये जा रहे बयानों पर उनको चेतावनी देता है कि वें किसानों के सब्र की परीक्षा न लें।’

किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों के भागीदारी महापंचायतों के माध्यम से लगातार जारी है। इनके अलावा भी कई राज्यों से किसानों के दिल्ली धरनों में पहुंचने की तैयारिया जारी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में भी किसानों व सभाओं में बढ़ोतरी जारी रहेगी।

सयुंक्त किसान मोर्चा आने वाली 23 फरवरी को “पगड़ी संभाल दिवस” मनाने के लिए आह्वान किया है। शहीद भगत सिंह के चाचा एवं “पगड़ी संभाल” आंदोलन के संस्थापक “चाचा अजीत सिंह” की याद में किसानों के आत्मसम्मान में इस दिन को मनाया जाएगा। किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के चारों तरफ आन्दोलन कर रहे है।

साप्ताहिक झांग सियाल के संपादक बांके दयाल द्वारा लिखित यह गीत “पगड़ी सम्भाल” ब्रिटिश राज के 1906 के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का अग्रदूत था। जो आन्दोलन चाचा अजीत सिंह ने उस वक़्त चलाया था, उसकी परछाई इस किसान आंदोलन में भी झलकती है। सभी किसानो से अपील है कि ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों पर चाचा अजीत सिंह के पोस्टर- बैनर लगाकर इस कार्यक्रम में भाग लें।

सयुंक्त किसान मोर्चा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता है। शिवाजी महाराज को एक महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है, जिनका शासन व प्रशासन सदैव जनता के हित में रहा।

किसान नेताओं ने कहा कि शिवाजी महाराज हमारे लिए अद्भूत शौर्य और हिम्मत का प्रतीक है। चौतरफा शोषण के इस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज इस संघर्ष के लिए हमारे प्रेरणादायक हैं।

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