Faridabad ESIC मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं मिला, 6 माह से PF भी नहीं जमा

ESIC medical college Faridabad

By नरेश चंद्र

फरीदाबाद स्थित ESIC मेडिकल कॉलेज में मेंटेनेंस का काम देखने वाले लगभग 170 वर्करों को पिछले दो महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है।

इनमें से कई वर्करों ने नाम ना छापने की शर्त पर इस संवाददाता को यह जानकारी दी।

वर्करों ने यह भी बताया कि अप्रैल और मई महीने की तनख्वाह के अलावा उनके Provident Fund (PF) खाते में लगभग छः महीने से कोई पैसा जमा नहीं हो रहा है।

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मजदूरों ने कहा, “जो भी आगे आकर कुछ बोलेगा, ठेकेदार उसको काम से हटा देगा। इसलिए इस बेरोजगारी के दौर में हमारे पास सब कुछ बर्दाश्त करने का अलावा कोई चारा नहीं है।”

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Workers Unity से बात चीत के दौरान सब-कॉनन्ट्रैक्टर विनय नंदा का कहना था कि ESIC मुख्यालय से पैसा सैंक्शन होने में दिक्कत हो रही थी।

लगभग 15 दिन पहले से मजदूरों की तनख्वाह की मंजूरी की फाइल RD ऑफिस में पहुंची, जिसे 4-5 दिन पहले क्लियर किया गया है।

उन्होंने कहा आज पैसा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के पास आ गया है — जो कि कॉलेज में मेंटेनेंस का ठेका चला रही है।

उनके मुताबिक 2-3 दिनों में सब-कॉनन्ट्रैक्टरों के पास पैसा आ जाएगा और फिर जल्द से जल्द वर्करों को उनका वेतन दे दिया जाएगा।

मेंटेनेंस का टेन्डर डेढ़ साल पहले निकाला गया था जिसके लिए केवल PSU पात्र थे।

हमने कॉलेज के डीन, प्रोफेसर असीम दास को कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

गौरतलब है कि यह सभी मजदूर ठेके के तहत रखे गए हैं। यह सभी वर्कर तीन पालियो में पूरें ESIC मेडिकल कॉलेज के मेंटेनेंस का काम देखते हैं।

कॉलेज के तमाम अधिकारियों, यहां तक के डीन को भी सारे मामले की खबर है लेकिन मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

मजदूरों ने अपना दुखड़ा रोते हुए बताया, “राशन वाले को, मकान मालिक को हम समय देते देते थक गए हैं। बच्चों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है लेकिन ठेकेदार को हम पर कोई रहम नहीं है।”

AITUC फरीदाबाद के जिला कार्यकारिणी सदस्य, बेचू गिरी ने कहा कि इन मजदूरों के साथ कॉलेज के सफाई कर्मचारियों को भी 3-4 महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है, जो की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों के पास यूनियन का संरक्षण नहीं है, उनकी स्थिंति ज्यादा खराब है और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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