भारत से गया खेतिहर मज़दूर बना इसराइल के जनसंहारक युद्ध का पहला शिकार

palestine israel war

भारत से इसराइल लेबर के रूप में भेजे गए भारतीयों में पहली मौत का मामला सामने आया है. फ़लस्तीन की ज़मीन कब्ज़ा कर बसाए गए इसराइली गांव में रविवार को हुए एक मिसाइल हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई, जबकि दो घायल हुए हैं. तीनों केरल से वहां गए थे.

इसराइल के पड़ोसी लेबनान के हिज़्हबुल्लाह इन इलाकों पर बीते सात अक्टूबर के बाद से ही हमला बोल रहा है.
उत्तरी इसराइल के मार्गालियोत गांव पर लेबनान की ओर से मिसाइल हमला किया गया था. ये एंटी टैंक मिसाइल एक बाग में गिरा था. वहां काम कर रहे भारतीय इसकी चपेट में आ गए.

हमले में कोल्लम के रहने वाले पेटनीबिन मैक्सवेल की मौत हो गई जबकि बुश जोसफ जॉर्ज और पॉल मेलविन घायल हो गए. उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया.

ये मज़दूर इन ख़तरनाक इलाक़ों में खेत पर काम करने के लिए भेजे गए थे जबकि इसराइल ने इन इलाकों से अपने नागरिकों को बाहर निकाल लिया है.

इसराइल बीते सात अक्टूबर से ही फ़लस्तीनी पर अंधाधुन हवाई हमला कर रहा है और अबत उसने 30 हज़ार फ़लस्तीनी नागरिकों की हत्या कर दी है, जिसमें दो तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं.

इसके विरोध में हिज्बुल्लाह इसराइल पर लगातार मिसाइल से हमला कर रहा है. उसका कहना है कि जबतक इसराइल फ़लस्तीनी में जनसंहार नहीं रोकता, हमले जारी रहेंगे.

इसके कारण इसराइल में काम करने वालों की कमी हो गई है क्योंकि फ़लस्तीन के मज़दूरों पर पाबंदी लगा दी गई है जो इसराइल में जाकर काम करते थे.

उधर, भारत में भारी बेरोज़गारी से पैदा हुए गुस्से पर पानी छिड़कने के लिए मोदी सरकार ने इसराइल के साथ सांठ गांठ कर, भारत से मज़दूरों को इसराइल भेजने की साज़िश रची है.

उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकारों ने कहा है कि वो अपने यहां से दस हज़ार बेरोज़गार नौजवानों को इसाराइल भेजेंगी. लेकिन इन बेरोज़गार नौजवानों को युद्ध ग्रस्त इलाके में भेजना उन्हें मौत के मुंह में भेजने जैसा है और इसे लेकर कई ट्रेड यूनियनों ने विरोध भी जताया था.

Do read also:-

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

Subscribe to support Workers Unity – Click Here

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.