सोनीपत में मारुति के नए प्लांट का मोदी ने किया उद्गाटन, 21 हजार रोजगार का दावा, लेकिन नौकरी के स्वरूप का कोई स्पष्टीकरण नहीं

Maruti Plant gudgaon

By शशिकला सिंह

हरियाणा में सोनीपत के खरखौदा में लगने वाले मारुति सुजुकी प्लांट की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्चुअली आधारशिला रखी।

खरखौदा आईएमटी में बनने वाला यह प्रदेश का तीसरा मारुति सुजुकी प्लांट है।

खरखौदा में मारुति और सुजुकी के मेगा प्लांट स्थापित होने से क्षेत्र में 21 हजार से ज्यादा नए रोजगार मिलने का दावा किया जा रहा है।

लेकिन इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं किया गया है कि रोज़गार मज़दूरों किस स्वरूप में दिया जायेगा? क्या प्रदेश में दिए जाने वाले 21 हज़ार रोज़गार स्थाई होंगे या अस्थाई के तौर पर होंगे।

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वर्कर्स यूनिटी लगातार अपनी खबरों के माध्यम से इस बात को लिखता आ रहा है कि हरियाणा के आईएमटी मानेसर में जितने भी मारुती के प्लांट हैं उनमें मज़दूरों की कैसी स्थिति है?

मारुति सुजुकी प्लांट नियमावली के अनुसार रोज़गार देने की श्रृंखला में 75 फीसदी नौकरियां हरियाणा के मज़दूरों को दी जाएंगी। जबकि 25 फीसदी को अन्य राज्यों से भर्ती किया जायेगा।

अब देखने वाली बात यह है कि 21 हज़ार मज़दूरों को जो रोज़गार दिया जायेगा वह किस तरह का होगा। क्योंकि हालफिलहाल में मारुति के हालात को देख कर ऐसा लगता है कि वह सभी मज़दूरों को स्थाई रोज़गार नहीं दे सकता है। क्योंकि मानेसर स्थित कई प्लांटों में से स्थाई मज़दूरों को निकालने की घटनाये लगातार सामने आ रही हैं।

लगभग 20 फीसदी ही हैं स्थाई मज़दूर

मानेसर स्थित मारुति प्लांट से बर्खास्त मज़दूर खुशीराम ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि जहां एक तरफ प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस बात का प्रचार किया है कि हरियाणा के 75 फीसदी आरक्षण के तौर पर मज़दूरों को हर प्लांट में रोज़गार दिया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

वर्त्तमान में हरियाणा में मारुति के किसी भी प्लांट में स्थाई मज़दूरों की संख्या लगभग 20 फीसदी से ज्यादा नहीं है। उनका आरोप है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के कारण मज़दूरों का शोषण किया जा रहा है।

रोज़गार के नाम पर केवल एक दो साल की नौकरी दी जा रही है। इसके बाद मज़दूरों को दर दर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है।

इस मालमे में मारुति का इतिहास गवाह है जब 2011 में भारी संख्या में स्थाई मज़दूरों को एक झटके में निकाल दिया गया था।

आईएमटी मानेसर स्थित मारुति के स्पेयर पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कम्पनी के मज़दूर यूनियन के सदस्यों का कहना है कि बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा लगातार स्थाई मज़दूरों को निकालने के प्रयास किए जा रहे है। और जो वर्कर्स वर्तमान में प्लांट के अंदर जो मज़दूर काम कर रहे हैं उनको भी झूठा आरोप लगा कर निकालने की तैयारियां चल रही हैं।

उनका कहना है कि बेलसोनिका यूनियन मोदी सरकार से पूछना चाहती है कि आप 21 हज़ार नए रोज़गार की बात कर रहे हो पर जो पहले से हैं उनको तो सुरक्षित करना ज्यादा जरुरी है।

गौरतलब है कि सुजुकी साल 2025 से इलेक्ट्रिक व्हीकल का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है। मारुति सुजुकी ने साल 1981 में उद्योग लिमिटेड की स्थापना की थी।

इसके बाद 1982 में जापानी ऑटोमेकर सुजुकी ने मारुति के साथ ज्वाइंट वेंचर स्थापित किया और 40 सालों से सुजुकी देश का सबसे पसंदीदा ब्रांड बना हुआ है।

लेकिन मारुति के लिए काम करने वाले मज़दूरों के लिए इन 40 सालों में कुछ भी नहीं बदला है।

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