प्रशासन कर रहा प्रबंधन के पक्ष में काम, मज़दूरों ने की बड़े आंदोलन की घोषणा

sidkul

रुद्रपुर के आहूजा धर्मशाला में  20 जनवरी  को मज़दूरों पर बढ़ते दमन व प्रशासन की वायदा खिलाफ़ी  को लेकर  श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर ने प्रेस वार्ता करके रोष प्रकट किया और आन्दोलन तेज करने की घोषणा की।

मोर्चा ने 29 जनवरी को ताली-थाली के साथ विशाल रैली निकालने के ऐलान के साथ मज़दूरों को न्याय ना मिलने पर आगे एक दिवसीय हड़ताल करने की चेतावनी दी।

प्रेस वार्ता के दौरान श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी तथा विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान समय में उधम सिंह नगर के औद्योगिक क्षेत्र में, विशेष रुप से सिडकुल पंतनगर व सितारगंज में श्रमिकों की समस्याएं बेहद विकट हो चुकी हैं।

दमन उत्पीड़न लगातार तेज हो रहा है और श्रम विभाग मामलों को उलझाने का काम कर रहा है। आश्वासन के बावजूद प्रशासनिक कमेटी कोई कारवाई नही कर रही है।

प्रशासन का आश्वासन ठन्डे बस्ते में

प्रतिनिधियों ने बताया कि श्रमिक संयुक्त मोर्चा ने बीते 18 सितंबर, 2020 को जिलाधिकारी उधम सिंह नगर से मुलाकात करके विभिन्न श्रमिक समस्याओं के संबंध में एक ज्ञापन दिया था। तब जिलाधिकारी महोदया ने मोर्चा को यह आश्वासन दिया था कि इन समस्याओं के निस्तारण के लिए यथाशीघ्र कदम उठाया जाएगा।

लेकिन 3 माह बीत जाने के बावजूद जब प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं दिखी तो पुनः मोर्चा ने 17 दिसंबर, 2020 को जिलाधिकारी महोदया से मुलाकात करने की कोशिश की। तब उनके प्रतिनिधि के रूप में अपर जिलाधिकारी ने ज्ञापन लेकर बताया था कि प्रशासनिक स्तर पर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है और 1 महीने के भीतर मौजूदा समस्त मामलों का निस्तारण कर दिया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

ऐसे में मोर्चा ने 26 दिसंबर को भगवती प्रोडक्ट्स माइक्रोमैक्स के गेट पर प्रदर्शन करने और जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाल कर अपनी मांगे मुखरता से उठाने की घोषणा की।

लेकिन अपर जिलाधिकारी के आश्वासन तथा जिलाधिकारी महोदया द्वारा मोर्चा प्रतिनिधियों से वार्ता करने पर रैली स्थगित कर दी गई थी।

समाधान की जगह दमन और बढ़ा

प्रतिनिधियों ने कहा कि यह दुख और क्षोभ का विषय है कि धीरे-धीरे करके एक माह का समय व्यतीत हो गया। इस दौरान भगवती प्रोडक्ट्स माइक्रोमैक्स की समस्याओं के संबंध में कमेटी द्वारा वार्ता हुई, जो महज औपचारिकता बनकर रह गई। इसके अलावा रॉकेट इंडिया प्रा. लि. के संबंध में एक वार्ता हुई, प्रबंधन ने समझौते के लिए 10 दिन का समय लिया और वह भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

इस एक माह के दौरान समस्याओं के निस्तारण की बात तो दूर सिडकुल में दमन उत्पीड़न और भी अधिक बढ़ गया। एलजीबी के महामंत्री की प्रबंधन द्वारा गैर कानूनी रूप से बर्खास्तगी इसका स्पष्ट उदाहरण है।

इस दौरान मोर्चे ने जिलाधिकारी महोदया से मिलने के कई बार प्रयास किए लेकिन उनसे भी मुलाकात नहीं हो पाई।

प्रशासन प्रबंधन के दबाव में है

मोर्चा ने कहा कि स्पष्ट व साफ दिख रहा है कि प्रशासन मालिकों के सिडकुल वेलफेयर एसोसिएशन के दबाव में है और श्रमिक समस्याओं के समाधान की जगह श्रमिकों के उत्पीड़न को बढ़ने में परोक्ष रूप से मदद कर रहा है।

विभिन्न श्रमिक समस्याएँ हैं विकट

मोर्चा ने बताया कि वर्तमान समय में भगवती-माइक्रमैक्स के समस्त 351 श्रमिकों की बकाया वेतन सहित यथाशीघ्र सवेतन कार्यबहाली कराने, वोल्टास के समस्त 9 श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली व माँगपत्र सहित समस्त विवादों का निस्तारण, एलजीबी के महामंत्री की कार्यबहाली कराने व अनुचित श्रम अभ्यास पर रोक लगाने, गुजरात अम्बुजा के समस्त पीड़ित श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली, इन्टरार्क पंतनगर व किच्छा के समस्त निष्कासित श्रमिकों की लिखित समझौता दिनाँक 15/12/2018 का पालन कर कार्यबहाली सहित मांगपत्रों का निस्तारण, बजाज मोटर्स के समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली, करोलिया लाइटिंग में यूनियन उपाध्यक्ष की कार्यबहाली सहित माँगपत्र का निस्तारण, लुकास टीवीएस में श्रमिकों की कार्यबहाली, महिंद्रा & महिंद्रा में कार्यबहाली सहित महिंद्रा कर्मकार यूनियन के माँगपत्र व समस्त विवादों का निस्तारण, अमूल ऑटो फैक्ट्री के राज्य से पलायन पर रोक लगते हुए समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली, शिरडी इण्डस्ट्रीज लि. में निष्कासित 19 व ले ऑफ़ श्रमिकों की कार्यबहाली तथा पंजीकृत समझौते के उल्लंघन पर रोक, ऑटोटेक, मेटलमैन माइक्रो टर्नर, महिंद्रासीआईई, ऑटोलाईन आदि में श्रमिकों की कार्यबहाली की माँग प्रमुख रूप से बनी हुई है।

इसके साथ रॉकेट इंडिया प्रा. लि., बीसीएच इलेक्ट्रिकल, पारले पंतनगर व सितारगंज, हेन्कल एडिसिब्स, महिंद्रा सीआईई, मंत्री मेटल्स, सेटको-सितारगंज, टाटा ऑटोकॉम, असाल आदि कम्पनियों के मांगपत्रों के निस्तारण के साथ श्रमिक उत्पीड़न पर रोक लगाने, नेस्ले में 5 श्रमिकों की अवैध वेतन कटौती, डेल्टा में समझौते के बाद सेवा शर्तों में कटौती, फैक्ट्रियों में हादसों पर रोक लगाने आदि समस्याओं का निस्तारण अधर में लटका हुआ है।

श्रम अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप

मोर्चा ने श्रम अधिकारियों की उपेक्षा पर रोष प्रकट करते हुए श्रम अधिकारियों को श्रमिक समस्याओं को प्राथमिकता से और त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश जारी करने की माँग उठाई।

साथ ही प्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण रुद्रपुर में उप श्रमयुक्त के प्रत्येक कार्यदिवस पर बैठने की मुकम्मल व्यवस्था की माँग की।

श्रमिक समस्याओं के निस्तारण के लिए गठित कमेटी में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की भी भागीदारी सुनिश्चित करने और मोर्चा के साथ प्रशासनिक स्तर पर मासिक बैठक करने की भी माँग की है।

चरणबद्ध रूप से आन्दोलन तेज करने की घोषणा

मोर्चा प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रशासन के नकारात्मक रुख से पैदा स्थितियों में एकताबद्ध आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बच रहा है।

इसलिए श्रमिक संयुक्त मोर्चा ने चरणबद्ध तरीके से अपने आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है।

इस क्रम में मोर्चा 29 जनवरी, 2021 को सिडकुल क्षेत्र से जिलाधिकारी कार्यालय तक विशाल रैली निकालने और ताली-थाली बजा कर अपना विरोध जताने से नए आंदोलन की शुरुआत करेगा।

यदि फिर भी मज़दूरों को न्याय नहीं मिला तो जिले के औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न किस्म के धरना, प्रदर्शन, रैली व अन्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए औद्योगिक क्षेत्र में मोर्चे से जुड़ी सभी यूनियनों द्वारा एक दिवसीय हड़ताल किया जा सकता है।

इस बीच मोर्चा द्वारा 23 जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में बाइक रैली निकाली जाएगी।

मोर्चा समाधान के लिए प्रयासरत

मोर्चा प्रतिनिधियों ने बताया कि जिलाधिकारी महोदया ने जिस तरीके से समस्याओं के समाधान और मज़दूरों को न्याय दिलाने की बात की है, उसपर मोर्चा को अभी भी विश्वास है और मोर्चा शांतिपूर्ण समाधान के लिए ही प्रयासरत है।

मोर्चा श्रमिक हित व उद्योग हित में कार्य करता है और औद्योगिक शांति बनाए रखने की राह पर चलने का पक्षधर है। लेकिन फिर भी प्रशासनिक स्तर पर समाधान नहीं निकलता है तो आंदोलन करना मज़दूरों की मजबूरी बनेगी, जिसके लिए हमने तैयारी पूरी कर ली है।

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