चीन बॉर्डर पर 18 दिन तक जंगल में भूखे भटकते 8 मज़दूरों को बचाया, 11 मज़दूर अभी भी गायब

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अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले में भारत-चीन सीमा के पास लापता हुए असम के 19 मजदूरों में से 8 को बचा लिया गया है। कई दिनों तक भूखे रहने के कारण एक मजदूर ही हालत सीरियस है।

जबकि कुछ दिन पहले एक मजदूर का शव बरामद किया गया था।

अधिकारियों ने शनिवार रात यह जानकारी दी की 18 दिनों के बाद जंगल से 8 मज़दूरों को बचा लिया गया है।

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NDTV में आई खबर के अनुसार, कुरुंग कुमे के उपायुक्त बेंगिया निघी ने कहा कि बचाए गए सभी आठ मज़दूरों की हालत गंभीर है। कल रात से ही एक मेडिकल टीम उनकी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी कर रही है।

उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर को प्रशासन ने मंगाया था, लेकिन खराब मौसम के कारण अपने पायलटों कि खूब कोशिशों के बाद भी दामिन सर्कल में ठीक से खोज नहीं कर सका।

चार मज़दूरों की मौत की आंशका

डीसी ने जानकारी दी कि, अभी भी शेष 11 मज़दूर अभी भी लापता हैं। आठ बचाए गए मजदूरों के प्रारंभिक बयानों के अनुसार, उनमें से चार मज़दूयों की मौत हो चुकी है। मज़दूरों यह भी बताया की बाकि बचे और दो मज़दूर नदी में गिर गए थे। हमारी बचाव टीम ने शवों को बरामद करने क लिए पड़ताल कर रही है।

राज्य सरकार ने बचाए गए सभी मज़दूरों को ईटानगर के पास नाहरलगुन ले जाने का अनुरोध किया, जहां उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

निघी ने कहा, सभी मज़दूरों के ठीक होने के बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। फिलहाल वह थके हुए और कमजोर हैं। हमने उन्हें भोजन, पानी और दवाएं उपलब्ध करा दीं हैं।

गौरतलब है की पांच जुलाई की रात हुरी में अपने परियोजना स्थल शिविर से भागने के बाद, 19 मजदूर जहरीले सांपों और जंगली जानवरों से भरे घने जंगल में चले गए थे।

इसके बाद, सभी मज़दूर आठ और 11 के दो समूहों में बाँट गए जिसमे से 11 मज़दूरों का समूह एक अलग दिशा में चला गया।

अब पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 25 सदस्यीय टीम दामिन सर्कल में बाकि बचे लापता मज़दूरों की लिए तलाशी अभियान चला रही है।

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