अग्निवीर की वकालत करने वाले पूर्व डीजीपी के बारे में रवीश कुमार ने क्या कहा?

By रवीश कुमार

पुलिस सुधार का ज्ञान देते देते अब प्रकाश जी चाहते हैं कि IAS IPS में भी अग्निवीर सिस्टम लागू हो। प्रकाश जी चाहते हैं कि सरकार 15 साल की सेवा के बाद समीक्षा करे और 25 प्रतिशत अफ़सरों की छँटनी कर दे। इस प्रतिशत पर वे कैसे पहुँचे, पता नहीं।

प्रकाश जी के लिए यह समय इस पर लिखने का था कि कैसे पुलिस तंत्र का इस्तमाल कर बेगुनाह नौजवानों को फँसाया जा रहा है। पुलिस सत्ता के इशारे पर गुलाम की तरह बर्ताव कर रही है। अवैध रूप से NSA लगाए जा रहे हैं।

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ज़माने से प्रकाश जी का लिखा पढ़ने का मौक़ा नहीं मिला, क्या हाल के वर्षों की पुलिस यातनाओं को लेकर प्रकाश जी लिख रहे हैं? सुधार की बातें कर रहे हैं? इसी लेख में उन्होंने पुलिस की ज़्यादतियों की बातें एक दो पंक्तियों में जनरल टाइप समेट दी हैं। मैं समझता हूँ कि यह लेख पुलिस पर नहीं है मगर उनके सुधार की कल्पना में यह बात कैसे आ गई कि पंद्रह साल की सेवा के बाद पचीस प्रतिशत IAS IPS निकाल देने से हल हो जाएगा?

सीधे कहिए न कि जिसे बहुमत मिलेगा उस पार्टी के कार्यकर्ता ही अफ़सर बनाए जाएँ।

भारत में पुलिस सुधार के सबसे बड़े प्रवक्ता के तमाम लेखों की समीक्षा होनी चाहिए कि उन्होंने 2014 के बाद अपने प्रिय विषय पर कितना लिखा है और इस मामले में ऐसा क्या हुआ है जिससे वे संतुष्ट हैं या असहमति रखते है।

समीक्षक को देखना चाहिए कि पब्लिक स्पेस में लिखने वाले अच्छे लोग भी अपनी लाइन कैसे बदलते हैं या भूल जाते हैं। जब प्रकाश जी को अग्निवीर हर जगह फ़िट दिखाई दे रहा है तब क्या उन्हें यह सब समझ आ रहा है कि प्रधानमंत्री के पद पर किसी को दो बार से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। अग्निवीर प्रधानमंत्री होना चाहिए। चाहें तो इस पर भी लिख सकते हैं ।

(रवीश कुमार के फ़ेसबुक से साभार।)

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