महुआ मोइत्रा के घर पर बीएसएफ़ की तैनाती से हड़कंप, सांसद ने लगाया नज़र रखने का आरोप

mahua moitra

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने उनके घर के बाहर बिन मांगी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बीएसएफ़ के जवान तैनात कर दिए हैं।

मोइत्रा ने ट्वीट करके कहा है कि उनके आवास के बाहर बीती रात से ही तीन बीएसएफ सिपाही, जिनके पास असाल्ट राइफल हैं तैनात किए गए हैं।

ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ‘शाम को छह बजे बाराखंभा पुलिस स्टेशन के एसएचओ आए थे और उसके चार घंटे बाद रात 10 बजे बीएसएफ़ के जवान आए। पता चला कि उनकी सुरक्षा के लिए बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन से  वेआए हैं।’

इस ट्वीट को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय दफ़्तर को टैग करते हुए महुआ मोइत्रा कहती हैं, “भारत की एक स्वतंत्र नागरिक हूं- लोग मेरी रक्षा करेंगे।”

उन्होंने अमित शाह और गृहमंत्रालय को टैग करते हुए कहा है कि ये बीएसएफ़ के जवानों को तुरंत हटाया जाए।

कमिश्नर ऑफ़ पुलिस, दिल्ली  और बाराखंबा पुलिस स्टेशन के एसएचओ, डीसीपी को चिट्ठी लिख कर महुआ मोइत्रा ने जवानों को तुरंत उनके घर से बाहर से वापस लिए जाने की मांग की है।

महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र भी ट्वीट में साझा किया है जिसमें लिखा गया है कि ‘कल शाम 6:30 बजे बाराखंभा एसएचओ मुझसे मिलने आए और फिर रात में दस बजे मेरे आवास पर तीन शस्त्रधारी बीएसएफ जवान तैनात कर दिए गए।’

पत्र में उन्होंने लिखा है कि ‘मेरे घर के बाहर तैनात बीएसएफ कर्मियों का जो बिहैव है, उससे लगता है कि वो घर के अंदर और बाहर मेरी मूवमेंट पर नज़र रख रहे हैं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें मुझ पर  निगरानी रखने के लिए तैनात किया गया है।’

महुआ मोइत्रा ने लिखा है कि, “मैं आपको याद दिला दूं कि भारत की नागरिक होने के नाते भारतीय संविधान 1950 के तहत निजता का अधिकार की गारंटी मौलिक अधिकार के रूप में मिला हुआ है। पत्र में आगे टीएमसी सांसद महुआ माझी कहती हैं, “पता करने पर मुझे बताया गया कि ये बीएसएफ जवान बाराखंभा पुलिस स्टेशन से मेरी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं, जबकि इस देश की एक सामान्य नागरिक होते हुए न तो मैंने इस तरह की किसी सुरक्षा की मांग की है, न ही मुझे चाहिए, इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करती हूं कि कृपा करके इन ऑफिसर्स को तुरंत मेरे आवास से हटाया जाए।”

एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘हमारे बहादुर जवान सीमा की सुरक्षा के लिए हैं, दरबान ड्यूटी के लिए नहीं। मेरी सुरक्षा के लिए संसाधन बर्बाद न करें, सभी की सुरक्षा करें। मुझे सुरक्षा की ज़रूरत नहीं। अगर आप जासूसी करना चाहते हैं मुझसे पूछिए मैं सबकुछ बताउंगी। वैसे भी भारत का लोकतंत्र ख़तरे में हैं। ऐसा व्यवहार कर ऐसा मत महसूस कराईए कि हम किसी तानाशाह के शासन में रह रहे हैं।’

ग़ौरतलब है कि लोकसभा में महुआ मोइत्रा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए अपने भाषण में भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के आचरण और उनपर सरकार के प्रभाव में फैसला देने का आरोप लगाया था। उनके भाषण को यहां पूरा पढ़ा जा सकता है।

इस भाषण पर बहुत बवाल मचा और 10 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे और पीपी चौधरी ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।

इस पर महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘अगर सच बोलने के लिए मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन लाया जाता है, तो यह वास्तव में मेरे लिए प्रिव्लेज होगा।’

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