बजट पटरी से उतरा, कोल इंडिया और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

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केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है।

इस हिस्सेदारी बिक्री से सरकार 20 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। कहा जा रहा है कि इस राशि का इस्तेमाल कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए घोषित किए गए प्रोत्साहन पैकेज में किया जाएगा।

इस मामले से वाकिफ अधिकारियों के हवाले से ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बिक्री शेयर सेल के जरिए की जाएगी। हालांकि, यह पूरी तरह से मार्केट सेंटीमेंट पर निर्भर है।

कोल इंडिया के मामले में यदि आकर्षक वैल्यूएशन नहीं मिल पाता है तो कंपनी सरकार से शेयरों को बायबैक कर सकती है। कोविड-19 महामारी के कारण केंद्र सरकार के बजट लक्ष्य पटरी से उतर गए हैं।

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कहा ये भी जा रहा है कि महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सरकार को वेलफेयर कार्यक्रमों पर खर्च बढ़ाना पड़ा है। इसके अलावा सरकार को अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

फरवरी में पेश किए गए आम बजट में केंद्र सरकार ने विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य तय किया था। यह पिछले साल के विनिवेश लक्ष्य से दोगुना है। इस विनिवेश के जरिए सरकार बजट डेफिसिट को जीडीपी के 3.5 फीसदी के बराबर रखना चाहती है।

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कोविड-19 के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर अनिश्चित प्रतिबंध और तेल की कम कीमतों के कारण सरकार की एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम को बेचने की योजना को झटका लगा है।

पिछले साल सरकारी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इस खरीदारी के बाद बैंक में सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी रह गई थी।

कोल इंडिया में 66 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार ने जनवरी 2015 में कोल इंडिया में से 10 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी थी। इस बिक्री से सरकार को 22,550 करोड़ रुपए मिले थे।

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