आईएमटी मानेसर स्थित एफ़सीसी क्लच से निकाले गए 300 मज़दूरों का दर्द, नहीं मिला इंसाफ़

दो साल पहले आईएमटी मानेसर सेक्टर-3 स्थित एफसीसी क्लच इंडिया नामक कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना और नोटिस दिये 300 मज़दूरों को नौकरी  से निकाल दिया। मज़दूरों का आरोप है कि अभी तक इस मामले में मैनेजमेंट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग़ौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद कंपनियों में परमानेंट मज़दूरों को निकालने की जैसे आंधी चल रही है।

धारूहेड़ा रिको में लॉकडाउन के दौरान परमानेंट वर्करों को निकाल दिया गया और अभी वो लगातार फैक्ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

कंपनी के एक वर्कर ने बताया कि “जैसे ही हम ड्यूटी पर पहुंचे कंपनी एचआर ने  हमें बताया कि आपलोगों को कल से काम पर आने की जरुरत नहीं है। उसके बाद से हम इंसाफ़ के इंतज़ार में हैं।”

एक दूसरे मज़दूर ने बताया कि ” हम पिछले 15 साल से कंपनी में काम कर रहे थे। न ही हमारे काम को लेकर किसी तरह की कोई शिकायत थी और न ही और कोई मसला था फिर कंपनी ऐसे एक झटके में हमारी नौकरी कैसे छीन सकती है?”

एफसीसी क्लच इंडिया दोपहिया वाहनों के लिए क्लच बनाने का काम करती है।

कंपनी में काम करने वाले एक मज़दूर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि “कंपनी ने मज़दूरों को बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के ऐसे नौकरी से नहीं निकाल सकती। कंपनी की हमारे प्रति जवाबदेही बनती है।”

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