एक तरफ आत्मनिर्भर भारत और दूसरी तरफ एलआईसी को बेचने की तैयारी, क्या करना चाहती है मोदी सरकार?-बीमा कर्मचारी

1 फरवरी को पेश हुए बजट में केन्द्र सरकार ने एलआईसी में FDI को 49%  से बढ़ा कर 74% करने का फैसला लिया है। जिसके बाद से LIC के तमाम कर्मचारियों में बेहद रोष व्यापत है।

ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन (AIIAA) द्वारा एलआईसी क्लास-1 ऑफिसर्स फेडरेशन के संयुक्त मोर्चा के घटकों के साथ दिए गए प्रदर्शनों के आह्वान के बाद, एलआईसी स्टाफ ने विजयवाड़ा में सभी छह शाखाओं में लंच आवर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वृद्धि के केंद्रीय बजट प्रस्तावों का विरोध करते हुए  कर्मचारियों ने सरकार के एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया पर भी काम करने के फैसले पर आपत्ति जताई।

शहर की सीबी-3 शाखा में विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बीमा निगम कर्मचारी संघ के संयुक्त सचिव सीएच कालीधर ने कहा कि अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ दोनों प्रस्तावों का विरोध कर रहा है।

बीमा क्षेत्र में एफडीआई वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि निजी बीमा उद्योग में कुल निवेश में एफडीआई की वास्तविक हिस्सेदारी 49 प्रतिशत की मौजूदा सीमा से काफी कम है।

उन्होंने कहा कि बीमा में एफडीआई वृद्धि से केवल विदेशी पूंजी को हमारी बहुमूल्य घरेलू बचत पर अधिक नियंत्रण हासिल करने में मदद मिलेगी जिससे देश की संपदा निजी हाथों तक पहुंचेगी।

कालीधर ने कहा कि  एक तरफ सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात करती है और फिर एलआईसी        जैसी देश की संपदा को विदेशी हाथों तक पहुंचाने का भी काम कर रही है।

आईपीओ निश्चित रूप से  आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के लिए एक बड़ा झटका होगा। यह एलआईसी के राष्ट्रीयकरण के अपने उद्देश्यों को कमजोर करेगा और अंतत भारतीयों के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों का लाभ कॉरपोरेट घरानों के अमीरों के जेब में जाएगा।

ज्ञात हो कि केंद्र के मोदी सरकार के FDI बढ़ाने के फैसले के बाद से पुरे देश के LIC कर्मी अपने-अपने कार्यालयों के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे है। LIC कर्मियों का कहना है कि यदि सरकार अपने फैसले से पिछे नही हटी तो बीमा कर्मी देशव्यापी आंदोलन पर जायेंगे।

यूनियन नेता एन एम के प्रसाद, जे मधु, एन श्रीनिवास, सीएच राजशेखर, डी कोंडलू, जे मंगपति, एसके रहीमुद्दीन, पी गोरिंध, फूल प्रसाद, गुरुराम श्रीनिवास, सांसद गोवर्धन, और वर्ग-1 अधिकारी, विकास अधिकारी और अन्य ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया ।

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