वन गुज्जर समुदाय के 86 घर दो दिन बाद हुए रोशन, आंदोलन की चेतावनी के बाद विद्युत निगम ने जोड़ा बिजली कनेक्शन

उत्तराखंड विद्युत निगम रामनगर ने कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती 16 नम्बर आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गुज्जर समुदाय के लगभग 86 परिवारों की बिजली आज दो दिन बाद पुनः बहाल कर दी गई है।

गुरुवार को वन पंचायत संघर्ष मोर्चा ने विद्युत निगम के एसडीओ का घेराव कर जल्द से जल्द बिजली कनैक्शन जोड़ने की मांग की थी।

वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के नेता मौ. सफी घरों में बिजली आने के बाद वन गूजर समुदाय ने विद्युत निगम के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को रामनगर विद्युत निगम कार्यालय पर प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।

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किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि वन विभाग चंद अधिकारियों द्वारा वन गुज्जरों का उत्पीड़न करने के लिए विद्युत निगम का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन गुज्जर सदियों से वनों में रहकर जीवन यापन करते आए हैं।

उन्होंने वन अधिकार कानून के तहत समाज कल्याण विभाग के सम्मुख दावे भी प्रस्तुत किए है। विद्युत विभाग की यह कार्रवाई संसद द्वारा बनाए गए वन अधिकार कानून 2006 का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा इस उत्पीड़न के खिलाफ क्षेत्र के सभी सामाजिक राजनीतिक संगठन वन गूजरों के साथ है।

गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को रामनगर विद्युत निगम द्वारा बगैर किसी पूर्व सूचना के अचानक वन गूजरों के 86 परिवारों की लाइट काट कर उनके घरों में अंधेरा कर दिया था। जिस कारण उनका जीवन न केवल अस्त व्यस्त हो गया था बल्कि बच्चों की शिक्षा भी बाधित हो गई थी।

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इससे आक्रोशित वन गुज्जरों ने विगत 13 अक्टूबर को रामनगर में विद्युत निगम के अधिकारियों का घेराव कर 15 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन व आंदोलन की चेतावनी दी थी। तथा विद्युत विभाग की इस कार्रवाही को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों का उल्लंघन तथा वन अधिकार कानून 2006 का उल्लंघन बताया था।

विद्युत निगम के अधिकारियों से कई दौर की वार्ता के बाद आज वन गुज्जरों के घरों की बिजली को बहाल कर दिया गया है।

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