सरकार ने कहा विशाखापट्नम सफाई कर्मचारियों की मांगें होंगी पूरी, मज़दूर संगठनों ने कहा लिख कर दो

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ग्रेटर विशाखापटनम नगर निगम (GBMC) के प्रवासी और ठेका कर्मचारी शुक्रवार को अपनी हड़ताल ख़त्म कर काम पर वापस आ गये हैं। राज्य सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए राज़ी हो गयी है।

वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शन कर रहे मज़दूर संगठनों ने इस बात को अभी भी स्वीकार नहीं किया है। Times of India में आई खबर के अनुसार CITU नेता और नगरपालिका कार्यकर्ता महासंघ के सचिव के उमामहेश्वर राव और सीपीएम नेता बाबू राव ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह नागरिक कर्मचारियों की जीत है।

पांच दिनों तक चली हड़ताल में कर्मचारियों की मांग थी कि उनका न्यूनतम मासिक वेतन 15,000 रुपए किया जाये साथ ही मासिक स्वास्थ्य भत्ता 6,000 रुपए प्रति माह दिया जाये।

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उन्होंने कहा, “सरकार ने मजदूर संघों के साथ मांगों पर चर्चा किए बिना एकतरफा घोषणाएं की हैं। हम राज्य से एक बैठक बुलाने और अपने वादों पर लिखित आदेश जारी करने की मांग करते हैं।”

पांच दिनों तक चली हड़ताल से शहरों की लगभग सभी सड़कों पर कचरा जमा हो गया है और डंपर के डिब्बे ओवरफ्लो हो रहे हैं।

विशाखापट्नम स्थित वाइज़ैग थर्मल पावर स्टेशन प्रति दिन लगभग 1,100 से 1,200 टन कचरा पैदा करता है।

नियमित कर्मचारी पिछले पांच दिनों में उत्पन्न कुल कचरे का केवल 30 से 40 फीसदी ही साफ कर सके।

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