मोदी सरकार ने 105543.71 करोड़ की आवंटित कृषि राशि वापस लौटाई, 8 सालों में एक लाख से ज़्यादा किसानों ने की आत्महत्या

SKM

कृषि के लिए आवंटित 105543.71 करोड़ रुपये की धनराशि को वापस लौटने एवं कृषि को कॉरपोरेटों को सौंपने की मंशा पर एसकेएम ने मोदी सरकार की आलोचना की

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की “वर्ष 2022-23 के लिए खाते पर एक नजर” शीर्षक वाली रिपोर्ट से पता चला है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2018-19 से पिछले पांच वर्षों के दौरान 105543.71 करोड़ रुपये जो कि कृषि मंत्रालय को आवंटित किये गए थे, बिना खर्चे वापस लौटा दिए है.

उक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में कृषि मंत्रालय के लिए कुल आवंटन 54,000 करोड़ रुपये था. उस साल 21,043.75 करोड़ रुपये बिना खर्चे वापस लौटाए गये थे.

इसके बाद के वर्षों 2019-20 में 34,517.7 करोड़ रुपये, 2020-21 में 23,824.53 करोड़ रुपये, 2021-22 में 5,152.6 करोड़ रुपये और 2022-23 में 21,005.13 करोड़ रुपये वापस लौटाए गये.

यह कुल मिलाकर 2018-19 से 2022-23 तक के वर्षों में कृषि के लिए कुल आवंटन से भी अधिक है.

कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति ने यह भी बताया है कि आवंटित धन का इस तरह लौटना उत्तर पूर्वी राज्यों, अनुसूचित जाति उपयोजना और अनुसूचित जनजाति उपयोजना पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने का वादा किया था. मोदी सरकार ने पिछले दस साल में बड़े कॉरपोरेट घरानों का 14.56 लाख करोड़ रुपये बकाया माफ कर दिया है.लेकिन किसानों का एक भी रुपये का कर्ज माफ नहीं किया.

एनसीआबी रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2022 के बीच 1,00,474 किसानों ने की आत्महत्या

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी के शासनकाल (2014-2022) में 1,00,474 किसानों ने आत्महत्या की है. अगर मोदी सरकार किसानों के वापस लौटाए गए पैसे का इस्तेमाल करती तो कई किसानों की जान बचाई जा सकती थी.

किसान पहले से ही, लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, कृषि बुनियादी ढांचे के विकास, सिंचाई के विस्तार और अनुसंधान के लिए आवंटन में वृद्धि की भी मांग कर रहे हैं.

एसकेएम ने इस रिपोर्ट के आने बाद भारत के किसानों के हितों के साथ विश्वासघात के ऐसे आपराधिक कृत्य की कड़ी निंदा
की है.

एसकेएम के पदाधिकारियों ने कहा कि ” संकटग्रस्त किसानों के प्रति भाजपा-आरएसएस के नेतृत्व वाली सरकार की इस भरी असंवेदनशीलता और इसके पीछे की कृषि को कॉरपोरेट्स को सौंपने की असली मंशा की आलोचना करता है. हम केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं और लोगों से कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने, कृषि बचाने तथा भारत को बचाने के संघर्ष का समर्थन करने की अपील करते हैं.”

(एसकेएम द्वारा जारी प्रेस रिलीज के आधार पर)

Do read also:-

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

Subscribe to support Workers Unity – Click Here

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.