किसान नेता वीएम सिंह के संगठन में पड़ी फूट, संगठन से अलग हुए लोगों ने दिया किसान आंदोलन को समर्थन

26 जनवरी को किसान परेड के दौरान हुए घटनाक्रम के बाद किसान आंदोलन से राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के अपना समर्थन वापस लेने के फैसले के बाद उनका संगठन टूटने के कगार पर पहुंच गया है।

उनके संगठन के मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष राहुल राज ने वीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

वीएम सिंह से अलग होने का एलान करते हुए राहुल ने कहा है कि किसान आंदोलन से अपने संगठन को अलग करना एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है।

वीएम सिंह ने एक बार नहीं कई बार आंदोलन को क्षति पहुंचाई है। इससे जाहिर होता है कि उनका निजी स्वार्थ किसान हित से ज्यादा है।

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहे राहुल राज ने आरोप लगाया कि वीएम सिंह ने शुरुआत से ही इस आंदोलन में फूट डालने काम किया है।

जब ये आंदोलन शुरू हुआ तब वे कोरोना से स्वास्थ्य लाभ लेकर घर में आराम कर रहे थे, फिर भी एक एक वीडियो बयान जारी कर दिल्ली आ रहे किसानों को यहां नहीं आने का आह्वान किया।

वीएम सिंह की भूमिका

इसके बाद जब आंदोलन ने जोर पकड़ा और किसान दिल्ली आ गए, तो अचानक से फिर एक वीडियो डाल कर सभी से बुराड़ी मैदान आने की अपील कर दी। जबकि सभी किसान साथी जानते थे कि बुराड़ी मैदान एक अस्थाई जेल है। किसानों ने जब वहां आने से मना कर दिया फिर भी वीएम सिंह सभी को बुराड़ी बुलाते रहे।

राहुल राज कहते हैं कि वीएम सिंह को इन्हीं कारणों से संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से बाहर का रास्ता दिखाया गया।

वहीं जब सरकार ने उन्हें वार्ता में नहीं बुलाया तो वे घर चले गए और किसानों को आंदोलन खत्म कर घर वापस जाने हो कहा। जब आंदोलन तेज हुआ तो वे अचानक गाजीपुर पहुंच कर किसानों के धरना स्थल से ऊपर अपना डेरा जमा लिया।

फिर भी जब सरकार ने उन्हें बैठक में नहीं बुलाया, तो वे एक के बाद एक उल्टे सीधे बयान संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णयों के विपरीत देने लगे और भ्रम की स्थिति जान बूझकर पैदा करने लग गए, जिससे किसान संगठनों में फूट दिखाई दे।

बयान

आज जब आंदोलन निर्णायक मोड़ पर है और 26 जनवरी को सरकार की ओर से किये गए षड्यंत्र से किसान आंदोलन जूझ रहा है, ऐसे में आंदोलन को पीठ दिखाकर भागना और उल्टे सीधे बयान देकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करने से पूरे किसान समाज में एक गलत संदेश गया है।

राहुल ने कहा कि मैं और मेरी पूरी टीम राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन से इस्तीफा दे रही है। मेरे लिए किसान हित सर्वोपरि था और रहेगा।

अंतिम सांस तक किसान हित की लड़ाई लड़ता रहूंगा। मैं कल भी आंदोलन के साथ था, आज भी आंदोलन के साथ हूं और आगे भी रहूंगा। जब तक काले कानून वापस नहीं होते और समर्थन मूल्य पर खरीदी कि गारंटी का कानून नहीं बनता आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में भी बड़ी किसान महापंचायत के जरिये प्रत्येक जिले में आंदोलन को तेज किया जाएगा। 18 फरवरी को देशव्यापी रेल रोको अभियान में मध्य प्रदेश का किसान भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।

वर्कर्स यूनिटी के समर्थकों से एक अपील, मज़दूरों की अपनी मीडिया खड़ी करने में सहयोग करें

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.