मांगों पर सरकार की अनदेखी का आरोप, हरियाणा की आंगनबाड़ी वर्कर्स फिर से हुई लामबंद

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सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद मांगों पर अब तक किसी तरह का फैसला न आने के बाद हरियाणा की आंगनबाड़ी वर्कर्स एक बार फिर से लामबंद हो गई हैं.

सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंगनबाड़ी वर्कर्स ने हरियाणा के कई जिलों में धरना और प्रदर्शन किया.

मालूम हो कि बीते महीनों में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने प्रदेश भर में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया था.

जिसके बाद पंचकूला में हुए प्रदेश स्तरीय विशाल धरना के बाद सरकार ने उनके सामने झुकते हुए उनकी कई मांगों के लिए हामी भर आंदोलन को समाप्त करा दिया था.

आंगनबाड़ी वर्कर्स का कहना है कि ‘ सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों को पूरा किया जायेगा. लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी हमारी मांगें लंबित पड़ी हुई हैं. मज़बूरन हमें फिर से धरना और प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है.’

करनाल और झज्जर में प्रदर्शन करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.

आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन कि प्रदेश उपाध्यक्ष रूपरानी ने बताया कि ” राज्य कि आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स लम्बे समय से आंदोलन कर रही हैं ,लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. सरकार ने 18 नवम्बर को हमारी कुछ मांगों को मानने के लिए तैयार भी हुई पर अभी तक उन समस्याओं का भी कोई समाधान नहीं किया गया है. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो आंदोलन और तेजी से पुरे हरियाणा में फैलेगा.”

झज्जर में प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स का नेतृत्व कर रहे जिला प्रधान बालेश जाखड़ ने किया. उन्होंने बताया कि ‘हरियाणा में 52000 आंगनबाड़ी गनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर की मांगे पिछले कई सालों से लंबित है. उन्हें अपनी मांगों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है. 2018 में दिवाली का तोहफा का कहकर पीएम मोदी ने 1500 और 750 रुपये बढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन यह तोहफा 5 दिवाली जाने के बाद भी आज तक नहीं दिया गया.’

उन्होंने आगे बताया कि ” अब सरकार बढ़ोतरी के नाम पर वर्कर्स को 1339 व हैल्पर को 719 रुपये देकर वाहवाही लूटना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम इस बढ़ोतरी से नाखुश हैं. हमें बढोतरी एरियर समेत मिले और सितंबर 2022 से लगने वाली महंगाई भत्ते की किस्त को शीघ्र लागू किया जाए.”

बालेश जाखड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि “विभाग के अधिकारियों ने हमारे प्रतिनिधियों से शीघ्र सभी समाधान करने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं किया गया. सरकार वर्कर्स को कोई साधन उपलब्ध नहीं करवा रही. बल्कि आधिकारी उन पर दवाब बनाकर उनको ऑनलाइन काम के लिए मजबूर कर रहे हैं और कई महीनों आंगनबाड़ी केंद्र का किराया विभाग उपलब्ध नहीं करवा रहा है. इससे भी वर्कर मानसिक परेशानी का सामना कर रही हैं.”

वही प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया कि “आंगनबाड़ी में बहुत ऐसी वर्कर्स हैल्पर है जिनका काम सिर्फ आंगनबाड़ी के मानदेय से ही चलता है. आंगनबाड़ियों में जो लाभार्थियों को राशन उपलब्ध होता है उसका 15 महीने से कोई भी मेहनताना, सिलेंडर का खर्च, कच्ची सब्जियों का खर्च नहीं आया. जिससे वर्कर आर्थिक तंगी का सामना करते हुए मजबूरन कच्चा राशन बांटने का कदम उठाना पड़ा है. रजिस्टर व अन्य प्रतिदिन के सामान का खर्चा भी वर्कर स्वयं से उठा रही है. विभाग हमारी समस्याओं को समझे और हमें आंदोलन करने को मजबूर ना करें.”

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