बिहार और उत्तर प्रदेश के 34 मज़दूर फंसे सउदी अरब में, छह माह से बिना मज़दूरी दिए लिया जा रहा काम

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बिहार और उत्तर प्रदेश के 34 मज़दूर सउदी अरब में फंसे हुए हैं. मज़दूरों ने नियोक्ता पर बिना मज़दूरी दिए ही काम कराने का आरोप लगाया है.

मज़दूरों ने इसके मद्देनजर भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया पर कोई साकारात्मक पहल न होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी द्वारा स्थापित व संचालित सांसद रुडी कंट्रोल रुम से पीड़ितों व उनके स्वजन ने संपर्क किया.

जिसके बाद सांसद ने पहल शुरू की है. उन्होंने बताया कि ‘ मैंने त्वरित कार्रवाई करते हुए विदेश मंत्रालय में बात की और उनकी वापसी की उचित कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है’.

ज्यादातर मज़दूर बिहार के छपरा, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, दरभंगा, सितामढ़ी, पूर्वी चंपारण के हैं.

संसद रूडी ने बताया कि उन्होंने इसके बाबत विदेश मंत्री जयशंकर और मिनाक्षी लेखी से बात की है और इसके साथ ही सउदी अरब दूतावास के संपर्क में है.

सांसद रूडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘बिहार के छपरा, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, दरभंगा, सितामढ़ी, पूर्वी चंपारण, और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के 34 श्रमिक विनय कुमार यादव, इमरान आलम, अजहरूद्दीन अली, नैयर इकबाल, मोहम्मद मोनाजिर, मोहमद मुस्लिम, निशार अली, मोहमद मनीर, सौकल अली, जमशेद अहमद, शहाबुद्दीन अंसारी, अंजुम रजा आदि सउदी अरब में फंसे हुए है’.

जानकारी के मुताबिक एक पीड़ित मज़दूर विवेक कुमार गिरी के परिवार वालों ने गोसा खाफ अमनौर के संपत गिरी ने सांसद कंट्रोल रूम में संपर्क किया और बताया कि ” उनके रिश्तेदार के साथ कुल 34 लोग सउदी अरब गये थे. ये सभी मज़दूर असद ट्रेवल मैनपावर कंसल्टेंट एजेंसी के माध्यम से सउदी अरब के अल किफान कंट्रैक्टींग कंपनी में 1200 रियाल वेतन पर काम करने के लिए लगभग दो वर्ष पूर्व गये थे”.

उन्होंने आगे बताया कि ‘ अभी छह माह से कंपनी ने इनको वेतन नहीं दिया है और इनको वापस भी नहीं आने दिया जा रहा है. इस संदर्भ में रूडी के कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार व्यक्तिगत रूप से श्री रुडी इस मामले में सक्रिय है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही सउदी अरब में फंसे लोगों को स्वदेश वापस लाया जाएगा’.

( दैनिक जागरण की खबर से साभार)

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