गुड़गांव: सनबीम प्रबंधन ने 20 साल पुराने 45 ठेका मज़दूरों को काम से निकाला, जानिए क्या है कारण

गुड़गांव स्थित सनबीम लाइट वेइटिंग सलूशन ऑटो लि. में बीते कुछ महीनों में लगभग 45 ठेका मज़दूरों को काम से निकाल दिया गया है, ऐसा ठेका मजदूरों ने आरोप लगाया है।

निकाले गए मज़दूरों का आरोप है कि प्रबंधन 20 साल पुराने ठेका मज़दूरों को निकाल कर नए और कम वेतन वाले ठेका मज़दूरों को भर्ती कर रहा है। प्रबंधन मज़दूरों के कार्ड बंद कर दे रहा है।

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इस सम्बन्ध में मज़दूरों ने सितम्बर के महीने में अपनी मांगों का एक पत्र गुड़गांव डीसी ऑफिस में लगाया है। इसमें मांग की गई थी कि उनको तत्काल कार्यबहाल किया जाये, लेकिन अभी तक प्रबंधन और श्रम विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, प्रबंधन लगातार ऐसे ठेका मज़दूरों को काम से निकाल रहा है जो पिछले 10-10 20-20 सालों से कंपनी में काम कर रहे थे।

नए मज़दूरों की हो रहीं भर्तियां

एक ठेका मजदूर ने कहा कि प्रबंधन के हिसाब से कंपनी में काम नहीं है फिर भी वो नए ठेका मज़दूरों की भर्तियां कर रहा है। आरोप है कि प्रबंधन सस्ते मज़दूर चाहता है इसलिए वो पुराने मज़दूरों को निकाल रहा है।

नाम न बताने की शर्त पर एक मजदूर ने बताया कि प्रबंधन कुछ ठेकेदारों का ठेका कैंसिल करने की भी तैयारी कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो लगभग 500 ठेका मज़दूरों की आजीविका पर संकट गहरा सकता है।

उनके अनुसार, ‘प्रबंधन बिना किसी ठोस कारण के कार्ड बंद कर रहा है। साथ ही सभी निकाले गए मज़दूरों पर इस बात का दबाव बनाया जा रहा है कि अपना बकाया हिसाब लें और कंपनी में आना बंद कर दें।’

ठेका मज़दूरों की मांग

ठेका मज़दूरों की मांग है कि निकाले गए सभी मज़दूरों की कार्यबहाली की जाये, संस्थान में चल रहे अनुचित लेबर प्रैक्टिस (काम कराने के तरीके) को तत्काल बंद किया जाये और दोषी प्रबंधन और उनके कथित ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाही की जाये।

गौरतलब है कि ठेका मज़दूरों का काम से निकालने के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। गुड़गांव मानेसर स्थित हिताची, बेलसोनिका, नपिनों में पुराने मज़दूरों को निकाला जा रहा है और उनकी जगह सस्ते नए मज़दूरों को भर्ती किया जा रहा है।

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हालही में हिताची प्रबंधन ने 20 ठेका मज़दूरों को काम से निकाल दिया।  इन सभी कंपनियों में प्रबंधन द्वारा काम से निकालने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया जा रहा है।

(स्टोरी संपादित शशिकला सिंह)

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