हिमांशु कुमार ने कहा, ‘मैं ज़ुर्माना नहीं दूंगा, इंसाफ़ मांगना जुर्म है तो ये जुर्म बार बार करेंगे’

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हिमांशु कुमार ने कहा, ‘मैं ज़ुर्माना नहीं दूंगा, इंसाफ़ मांगना जुर्म है तो ये जुर्म बार बार करेंगे’

मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और प्रमुख गांधीवादी हिमांशु कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए पांच लाख रुपये के ज़ुर्माने को वो देने की बजाय जेल जाना पसंद करेंगे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिमांशु कुमार पर आदिवासियों के लिए इंसाफ़ मांगने के पर लाख रुपये का ज़ुर्माना लगाया है।

साल 2009 में छत्तीसगढ़ में तैनात सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर 17 आदिवासियों को नक्सली बता कर किये गए फर्जी एनकाउंटर मामले की स्वतंत्र जांच के लिए रिट याचिका दायर की थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस याचिका को रद्द करते हुए जुर्माने के आदेश के साथ मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कही है।

हिमांशु कुमार ने अपनी फेसबुक पोस्ट में गांधी का हवाला दिया है।

उन्होंने लिखा है, “चंपारण में गांधी जी से जज ने कहा तुम्हें सौ रुपयों के जुर्माने पर छोड़ा जाता है। गांधीजी ने कहा मैं जुर्माना नहीं दूंगा।“

हिमांशु कुमार ने आगे लिखा है, “कोर्ट ने मुझसे कहा पांच लाख जुर्माना दो तुम्हारा जुर्म यह है तुमने आदिवासियों के लिए इंसाफ मांगा। मेरा जवाब है मैं जुर्माना नहीं दूंगा।“

उन्होंने लिखा है कि “जुर्माना देने का अर्थ होगा मैं अपनी गलती कबूल कर रहा हूं। मैं दिल की गहराई से मानता हूं कि इंसाफ के लिए आवाज उठाना कोई जुर्म नहीं है।“

अंत में उन्होंने लिखा है, “यह जुर्म हम बार-बार करेंगे।”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया यूज़र्स की लगातार आलोचनात्मक टिप्पणी आ रही है।

आलोचना

कविता कृष्णन ने लिखा है कि तीस्ता सीतलवाड़ के बाद अब प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार को निशाना बनाया जा रहा है।

स्टैंड विथ हिमांशु कुमार के नाम से सोशल मीडिया पर कुछ लोग हैश टैग भी चला रहे हैं।

कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की आचोचना की है।

वर्कर्स यूनिटी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में हिमांशु कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाह रही है कि कोई इंसाफ़ मांगने न आए।

उन्होंने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट क्या सुसाइड करना चाह रहा है? क्या अदालत पर ताला लगा दिया जाए?

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