कर्नाटक : किसान नेताओं की रिहाई का मिला आश्वासन, यदि नहीं छोड़े गए किसान, तो 30 सितंबर को हाईवे जाम करने की दी चेतावनी

कर्नाटक में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हज़ारों किसानों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है। जिसके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले करोड़ों किसानों ने मंगलवार को बठिंडा और मनसा जिलों में 10 से अधिक जगहों पर प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया।

यह प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं और सदस्यों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के विरोध में किया गया। हालांकि रिहाई का आश्वासन मिलने के बाद शाम को धरना हटा लिया गया।

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इतना ही नहीं इस गिरफ़्तारी के बाद पंजाब के किसानों ने भी अमृतसर व तरनतारन में हाईवे जाम कर दिया था। फ़िलहाल आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया है। लेकिन किसानों का कहना है यदि साथी किसानों को जल्दी रिहा नहीं किया जायेगा तो आगामी 30 सितंबर को फिर से और भारी संख्या में किसानों द्वारा हाईवे जाम किया जायेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह संदोहा का कहना है कि कर्नाटक में SKM के सदस्यों द्वारा एक बैठक का योजन किया गया था जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों के सदस्यों ने भाग लिया था।

‘नेताओं को जबरन हिरासत में लिया’

उन्होंने बताया कि किसानों ने कर्नाटक विधानसभा की ओर एक विशाल विरोध मार्च का योजन किया था। शांतिपूर्वक मार्च कर रहे किसानों पर SKM के नेताओं ने जबरन हिरासत में ले लिया। उनका कहना है यह सरकारी तंत्र की घोर मनमानी है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

किसानों ने बठिंडा में लेहरा मोहब्बत, रामपुरा, गोनियाना, संगत, तलवंडी साबो, मौर, कोट शमीर के पास और मानसा जिले के भैनी बाघा गांव में दो सड़कों को जाम कर दिया और कर्नाटक सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही किसानों और SKM के नेताओं को रिहा करने की मांग की।

संदोहा ने कहा कि जब तक बंधक बनाए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक सड़क पर नाकेबंदी जारी रहेगी। लेकिन उनकी रिहाई का आश्वासन मिलने के बाद शाम को जाम हटा लिया गया।

पंजाब में भी किसानों किया हाईवे जाम

गौतलब है कि कर्नाटक में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की गिरफ्तारी के बाद मगलवार शाम को पंजाब में भी किसानों ने धरना शुरू कर दिया था। किसानों ने पंजाब के अमृतसर व तरनतारन में हाईवे जाम कर दिया था।

बहरहाल किसानों को छोड़ने पर बनी सहमति के बाद पंजाब के किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है और रास्तों को खोल दिया गया है। लेकिन किसानों का कहना है कि अगर किसानों को जल्दी रहा नहीं किया गया रो आगामी 30 सितंबर को पूरे पंजाब में हाई-वे जाम कर दिए जायेंगे।

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संयुक्त किसान मोर्चा के जोन प्रधान मंगल सिंह ने जानकारी दी कि बैंगलुरु में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 2000 के करीब किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत पंजाब से गए किसानों को भी गिरफ्तार किया गया है। कर्नाटक से कॉल आने के बाद ही पंजाब के सभी मुख्य रास्तों को जाम कर दिया गया था।

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