मारुतिः ठेका मज़दूरों के वेतन में मामूली वृद्धि से असंतोष, डीएलसी को लिखी चिट्ठी

देश की अग्रणी कार कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड की हरियाणा के प्लांटों में परमानेंट मजदूरों के साथ वेतन समझौता होने के बाद अस्थाई और ठेका मज़दूरों का भी वेतन वृद्धि किया गया है।

लेकिन ठेका कर्मियों के वेतन में मामूली वृद्धि को लेकर मज़दूरों में असंतोष ज़ाहिर हो रहा है।

बीते 18 सितम्बर को मैनेजमेंट ने अस्थाई मज़दूरों, टेंपरेरी वर्कर (टीडब्ल्यू), अप्रेंटिस और कंपनी ट्रेनिंग के वेतन में वृद्धि की है।

एक ट्विटर यूज़र ने लिखा है कि ‘बड़ा दर्शन छोटे मारुति सुजुकी कंपनी ने अभी अपने स्थाई कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी 27,000 रुपये के करीब की है जबकि अस्थाई कर्मचारियों की सिर्फ 1300 रुपये की बढ़ोतरी की है।”

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कई अस्थाई मज़दूर वर्कर्स यूनिटी को संदेश भेज कर अपनी निराशा पहले ही ज़ाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि जब काम में में भेदभाव नहीं है तो सैलरी में भेदभाव क्यों?

उधर मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के पूर्व प्रधान कुलदीप जाघूं जो कि कामगार अधिकार सुरक्षा एसोसिएशन के प्रमुख भी हैं, उन्होंने मैनेजमेंट को चिट्ठी लिख कर अस्थाई कर्मचारियों की वेतन सुसंगत वेतन वृद्धि की मांग की है।

20 सितम्बर को डीएलसी गुड़गांव, सर्कल-1 को लिखे पत्र में जांघू ने कहा है कि मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड में 18 सितम्बर को प्रबंधन ने अस्थाई कर्मचारियों के वेतन में ना के बराबर वेतन बढ़ोत्तरी की है।

चिट्ठी में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि वेतन वृद्धि में असंगति से मज़दूर असंतोष भी पैदा हो सकता है और इसीलिए श्रम विभाग के संज्ञान में इसे लाना ज़रूरी है।

कामगार अधिकार सुरक्षा एसोसिएशन की ओर से लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि बीते साल दीपावली गिफ़्ट का मुद्दा भी डीएलसी के संज्ञान में लाया गया था। हालांकि यह मुद्दा हल नहीं हुआ लेकिन इसके एवज में अस्थाई कर्मचारियों के वेतन वृद्धि में श्रम विभाग की ओर से सहयोग किया गया।

चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि प्रबंधन इस वेतन वृद्धि के बारे में दोबारा विचार करे और साथ ही मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया, बेलसोनिका, एसकेएच, जेबीएमएल, मारुति कपारो आदि में ठेका मज़दूरों को दिवाली गिफ़्ट बेहतर मिलने के साथ ही दो विकल्प दिए जाने चाहिए।

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