44 केंद्रीय श्रम क़ानूनों को चार कोड में समेटने में जुटी मोदी सरकार, कोड ऑन वेजेज सितंबर से होगा लागू

श्रम क़ानूनों को खत्म करने के बाद सरकार अब नया वेतन कोड लागू करने जा रही है। इसका नाम “कोड ऑन वेजेज” है।

कोड ऑन वेजेज सितंबर तक लागू होने की उम्मीद की जा रही है। वहीं ये भी दावा किया जा रहा है कि इस क़ानून के लागू होने के बाद मज़दूरों को न्यूनतम वेतन, निर्धारण समेत वेतन भुगतान में देरी जैसी समस्याओं को खत्म करने में मदद मिलेगी।

एक अख़बार के मुताबिक, केंद्र सरकार की ये महत्वाकांक्षी श्रम सुधारक क़ानून में से एक है। श्रम व रोजगार मंत्रालय ने श्रम सुधारों की दिशा में इस बेहद महत्वपूर्ण क़ानून के मसौदे को आम लोगों की प्रतिक्रिया के लिए जारी कर दिया है।

वेतन कोड का मसौदा 7 जुलाई को केंद्र सरकार के बजट में प्रकाशित किया गया है,  इस पर आम जनता से 45 दिन के भीतर सलाह मांगी गई है।

श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक अख़बार को बताया कि, “अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक होता है तो आम लोगों से राय मिलने के बाद यह क़ानून इस साल सितंबर से लागू कर दिया जाएगा”।

कोड ऑन वेजेज से 50 लाख लोगों को मिलेगा फायदा- रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार

कोड ऑन वेजेज बिल, 2019 को संसद में पेश करते समय श्रम व रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार का कहना था कि, इस बिल के पारित होने से देश में 50 करोड़ से अधिक कामगारों को सीधा फायदा मिलेगा।

इस बिल को लोकसभा पिछले वर्ष 30 जुलाई और राज्यसभा दो अगस्त को पारित कर चुकी है। इस कोड में वेतन, बोनस और उनसे जुड़े सभी मुद्दों को व्यापक रूप दिया गया है।

इस क़ानून के लागू हो जाने के बाद न्यूनतम वेतन क़ानून, वेतन भुगतान क़ानून, बोनस भुगतान क़ानून और समान वेतन क़ानून खत्म हो जाएंगे और उनकी जगह यही एक कोड अस्तित्व में रहेगा।

गौरतलब है कि सरकार 44 केंद्रीय श्रम क़ानूनों को चार कोड में समेटने पर काम कर रही है। इनमें कोड ऑन वेजेज, कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशंस, कोड ऑन सोशल सेक्योरिटी एवं कोड ऑन ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड सेफ्टी शामिल हैं।

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