खोरी गांव को उजाड़ने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में रीकॉल फॉर ऑर्डर याचिका दायर

हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित खोरी गांव को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है जिसकी सुनवाई जाने माने वरिष्ठ वकील कोलिन गोंसाल्विस करेंगे।

ये जानकारी देते हुए संघर्ष समिति ने कहा है कि यह अपील सुप्रीम कोर्ट में बीते 24 जून को ही फाइल किया गया था जिसकी सुनवाई 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होना तय है।

गौरतलब है कि 7 जून को सुप्रीम कोर्ट ने बस्ती को उजाड़ने के लिए आदेश जारी किया था। मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव की ओर से फिर से एक फ्रेश पिटीशन अशोक कुमार बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा सुप्रीम कोर्ट में 16 जून, को फाइल की गई थी और 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से खोरी गांव को उजाड़ने के आदेश दिए थे।

असल में साल 2010 में जब नगर निगम फरीदाबाद में इस गांव को उजाड़ने की योजना बनाई गई तभी लोगों ने मिलकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

साल 2016 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने निवासियों को पुनर्वास प्रदान करने का फैसला सुनाया लेकिन फरीदाबाद नगर निगम को यह मंजूर नहीं हुआ।

निगम ने साल 2017 में  सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी। 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने फिर से 1700 घरों और 21 में 300 घरों को ढहा दिया।

ताज़ा फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि छह हफ़्ते के अंदर गांव को खाली करा कर निगम रोपोर्ट प्रस्तुत करे। लेकिन यहां क़रीब 10,000 घर हैं और क़रीब एक लाख की आबादी वाली इस बस्ती को उजाड़ने के ख़िलाफ़ लोग आंदोलन करने लगे।

बीते 30 जून को खोरी गांव में एक महापंचायत का आयोजन हुआ जिसमें किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंचे थे। इसी महापंचायत के समय हरियाणा सरकार ने मजदूर आवास संघर्ष समिति से संवाद करने पर अपनी सहमति दी थी।

लेकिन समिति का कहना है कि 4 जुलाई को मुख्यमंत्री के ओएसडी और समिति के सदस्यों के बीच पुनर्वास पर एक लंबी चर्चा हुई और इस दौरान एक संयुक्त सर्वे पर सहमति बनी। लेकिन 5 जुलाई को फरीदाबाद के डीसी एवं डीसीपी के साथ हुई चर्चा में पता चला कि ओएसडी ने प्रशासनिक अधिकारियों को किसी प्रकार के कोई भी निर्देश जारी नहीं किए।

इसके बाद संवाद की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई और प्रशासन बुलडोज़र लेकर बस्ती के बाहर तैनात है।

मजदूर आवास संघर्ष समिति ने आंदोलन में शामिल सभी संगठनों की एक बैठक 14 जुलाई को बुलाई है, जिसमें संघर्ष की संयुक्त रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

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