सत्यम ऑटो के मज़दूर, परिवार समेत बैठे अनशन पर, 4 साल से कंपनी से बाहर

हीरो मोटोकॉर्प की वेंडर कंपनी सत्यम ऑटो के चार साल से गैर कानूनी तरीके से निकाले गए श्रमिकों ने उत्तराखंड के सिडकुल, रानीपुर में अनशन शुरु कर दिया है।

जिला अधिकारी कार्यालय हरिद्वार पर सत्यम ऑटो मजदूरों के परिवार की महिलाएं और बच्चे भी अनशन पर बैठे हैं।

सत्यम ऑटो कंपोनेंट लिमिटेड के मज़दूरों ने नए वेतन समझौते के लिए 29 जुलाई 2015 को अपना अट्ठारह सूत्री माँगपत्र फैक्ट्री प्रबंधक को दिया था।

प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण कई दौर की वार्ता में हल ना निकलने पर विवाद औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी को भेज दिया गया।

इस बीच प्रबंधन ने 2 मार्च 2017 को गोपनीय तरीके से कुछ मज़दूरों को अपने पक्ष में करके उनसे एक समझौता कर लिया। जिसका मज़दूरों ने विरोध किया और अपनी लिखित आपत्ति श्रम अधिकारियों को दी।

इससे नाराज प्रबंधन ने 17 अप्रैल 2017 को विरोध करने वाले 300 मजदूरों की जबरन गेट बंदी कर दी और उनकी कंपनी में प्रवेश पर रोक लगा दी। तब से मजदूरों का संघर्ष लगातार जारी है। जबकि श्रम अधिकारी व प्रशासन मालिकों की हितसेवा में लगा हुआ है।

करीब चार साल से लगातार आंदोलन के बावजूद कार्यबहली नहीं होने के बाद मज़दूरों ने आंदोलन को गति देते हुए शहर के चार कोनों पर एक साथ भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस अनशन में मज़दूर परिवारों के बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं।

जिला अधिकारी कार्यालय हरिद्वार पर सत्यम के मज़दूरों के परिवार की महिलाएं और बच्चे तीसरे दिन भी अनशन पर बैठे हुए हैं।

10 साल की गुडिया अवनी ने कहा की सरकार कहती है “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” मैं सरकार से सवाल पूछना चाहती हूं कि जब हमारे पापा की नौकरी नहीं होगी तो हम कहां से पढ़ेंगे? हमारी तो भूखे मरने वाली हालत हो रही है।

मंजू चौहान ने कहा की सरकार महिला दिवस मना रही है। महिला के सशक्तिकरण की बात कह रही है। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि जब हमारे पति के पास रोजगार नहीं होगा तो हम मजबूत कैसे होंगे। आज 300 परिवार की महिला सड़कों पर है और बच्चे भी सड़क पर आ गए हैं।

महिलाओं ने कहा कि 4 साल हो गए हैं अपनी नौकरी के लिए, अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए, लेकिन शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधि, सरकार- सब मौन है क्योंकि एक पूंजीपति सामने खड़ा है।

इस अनशन के साथ सत्यम ऑटो के मज़दूरों ने अपने दो मांगो सामने रखी:

  1. प्रबंधन दिनांक 17 अप्रैल 2017 से जारी श्रमिकों की गैर कानूनी गेट बंदी को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर कार्यबहाली करे;
  2. गैरकानूनी गेट बंदी के कारण श्रमिकों के रुके समस्त वेतन व अन्य लाभ का ब्याज सहित भुगतान करे।

(मेहनतकश की खबर से साभार)

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