जापानी कामकाजी महिलाओं की खुदकुशी में 30% बढ़ोत्तरी, अनियमित काम की प्रकृति बड़ी वजह

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/11/japan-working-women-in-distress.jpg

जापान में कामकाजी महिलाओं के खुदकुशी मामले में बीते पांच साल के औसत के मुकाबले 30% अधिक बढ़ोत्तरी हुई है और एक सरकारी रिपोर्ट में इसकी वजह अनियमित काम की प्रकृति को माना गया है।

खुदकुशी रोकथाम मामले में जारी सरकारी श्वेत पत्र के अनुसार, 2020 में कामकाजी महिलाओं में खुदकुशी के 1,698 मामले सामने आए हैं।

‘जापान न्यूज़’ के अनुसार, खुदकुशी के पीछे एक बड़ा कारण अनियमित काम यानी ठेका या हायर एंड फ़ायर की भर्ती नीति है क्योंकि उन्हीं कामकाजी महिलाओं में खुदकुशी के अधिक मामले सामने आए हैं जिनकी काम की प्रकृति अनियमित है।

हेल्थ, लेबर एंड वेलफ़ेयर मिनिस्ट्री के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान अनियमित काम करने वाले कर्मचारियों में बेरोज़गार होने या उनकी आमदनी कम होने का अधिक ख़तरा हो गया है।

श्वेत पत्र के अनुसार, जापान में 2020 में खुदकुशी के कुल मामले 21,081 पाए गए जो 2019 के मुकाबले 4.5% अधिक हैं।

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक दिहाड़ी मज़दूरों ने की आत्महत्या

इसमें कुल 7,026  महिलाओं ने खुदकुशी की, जो कि 2019 के मुकाबले 15.4% अधिक है। खुदकुशी के मामलों पर 1978 से नज़र रखने की शुरुआत हुई थी और कहा जा रहा है कि तबसे ये दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि है।

हालांकि आत्महत्या करने वाले मर्दों की संख्या 14,055 है, जोकि 2019 के मुकाबले 0.2% कम है।

श्वेत पत्र में खुदकुशी के कारणों का विश्लेषण करते हुए स्पष्ट तौर पर काम की प्रकृति को वजह माना गया है।

साल 2020 में कुल 5,240 बेरोज़गार महिलाओं ने आत्महत्या की जोकि 2015 से 2019 के बीच औसतन 5,268 खुदकुशी के मामलों से कुछ ही काम है।

हालांकि नौकरीपेशा महिलाओं की खुदकुशी के मामले 1698 है जो पिछले पांच वर्ष के औसत 1323 के मुकाबले 28% अधिक है।

चौंकाने वाली बात ये है कि कम उम्र की कामकाजी महिलाओं में खुदकुशी की प्रवृत्ति अधिक दिखाई देती है। श्वेत पत्र के अनुसार, उम्र के तीसरे और चौथे दशक में पहुंच चुकी कामकाजी महिलाओं की अपेक्षा, 29 या इससे कम उम्र की कामकाजी महिलाओं में खुदकुशी के मामले 60 प्रतिशत अधिक हैं।

पेशे के आधार पर देखें तो ऑफिस वर्कर, सेल्स क्लर्क और मेडिकल एवं हेल्थ वर्करों में खुदकुशी के मामले बढ़े हैं।

सुसाइड नोट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पता चलता है कि 123 कामकाजी महिलाओं ने कार्यस्थल पर संबंधों को ज़िम्मेदार बताया, जोकि बीते पांच साल के औसत से 50%  अधिक है।

बीते सितम्बर में हुए लेबर फ़ोर्स सर्वे के अनुसार, जापान में 54% महिला कर्मचारियों की जॉब अनियमित है, उदाहरण के लिए पार्ट टाइम, जबकि 21% मर्द कर्मचारी इस तरह की अनियमित जॉब में हैं।

लेबर मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, अनियमित प्रकृति के काम में लगे कर्मचारी महामारी के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जैसे कि यातायात में प्रतिबंध। इसकी वजह से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक असर पड़ा है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.