दुर्गापूजा के बीच कोलकता में स्विगी डिलीवरी ब्वॉय सामूहिक हड़ताल पर

देश भर में गिग वर्करों का आक्रोश दिनों दिन लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते एक महीने में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं और हड़तालें हुई हैं।

ताजा मामला कोलकता में स्विगी वर्करों का है, जो दुर्गापूजा से पहले ही सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं। पश्चिम बंगाल में पूजा का समय बहुत गहमा गहमी वाला होता है और ऐसे में इस हड़ताल से फूड इंडस्ट्री मुश्किल में आ गई है।

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स्थानीय मीडिया के अनुसार, स्विगी वर्कर लंबे समय से कंपनी के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। उस गुस्से को लेकर कई बार कर्मचारियों ने अधिकारियों के खिलाफ रोष भी जताया है। वह कई बार सड़क पर उतरे। स्विगी कार्यकर्ता इससे पहले कोलकाता में हड़ताल पर सड़कों पर उतरे थे।

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लेकिन कोलकाता ही नहीं, कोलकाता के अलावा स्विगी के कार्यकर्ता देश के कई शहरों में हड़ताल पर चले गए। बेंगलुरु-हैदराबाद-मुंबई समेत देश भर के कई शहरों में बड़ी संख्या में स्विगी कार्यकर्ता हड़ताल पर चले गए।

कई शहरों में हड़तालें हुईं। कोलकाता में, स्विगी के कार्यकर्ता भी पूरे अगस्त महीने में बड़े पैमाने पर हड़ताल पर रहे। लेकिन दोनों हमलों के बीच कुछ अंतर हैं। वह अंतर क्या है? ऑल इंडिया गिग वर्कर्स यूनियन के बैनर तले बेंगलुरु-हैदराबाद समेत देश भर के कई शहरों में स्विगी हड़ताल हुई।

फेसबुक पर स्विगी कार्यकर्ताओं का आंदोलन फैल गया है। डिलीवरी वर्करों की तीन प्रमुख मांगें हैं।

प्रति डिलीवरी न्यूनतम भुगतान 35 रुपये है। यह न्यूनतम वेतन चार किलोमीटर के हिसाब से तय है। यह न्यूनतम वर्तमान में 20 रुपये है। दूसरे, शुल्क को बढ़ाकर 10 रुपये प्रति अतिरिक्त किलोमीटर किया जाए। जो वर्तमान में 5 रु. है।

स्विगी वर्करों ने आसमान छूती महंगाई को ध्यान में रख कर उनके कमीशन को बढ़ाने की मांग की। उनका कहना है कि जिस दर से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, डिलीवरी पे या पारिश्रमिक नहीं बढ़ रहा है।

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कोलकाता ऐप बेस्ड डिलीवरी एंड गिग वर्कर्स यूनियन (कोलकाता ऐप बेस्ड डिलीवरी एंड गिग वर्कर्स यूनियन) के अध्यक्ष सौम्यजीत रजक ने कहा कि ‘इस आंदोलन में हमारी यूनियन के सदस्य और गैर-सदस्य दोनों हैं। यह आंदोलन सहजता से हुआ। हम पूरी तरह से इस आंदोलन के साथ हैं।’

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