प्रवासी मजदूरों को लेकर गईं केरल की 300 बसें क्यों फंसी हैं असम में?

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प्रवासी मजदूरों को लेकर गईं केरल की करीब तीन सौ टूरिस्ट बसें और उनके ड्राईवर लगभग एक महीने से असम के पांच जिलों में फंस गए हैं।

लंबी दूरी की बसों के ये ड्राईवर अब वापस लौटने के लिए यहां से सवारियां और पैसे चाहते हैं, जिससे उनकी मदद हो सके।

कोलकाता से निकलने वाले अंग्रेज़ी अख़बार टेलीग्राफ़  की एक ख़बर के मुताबिक, इन ड्राईवरों की मदद कर रहे स्थानीय लोगों और संगठनों ने इसकी सूचना सोमवार को असम सरकार को दे दी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय और पुलिस मुख्यालयों को भी इसकी सूचना दे दी गई है ताकि कोविड प्रोटोकाॅल के तहत इन लोगों की वापसी सुनिष्चित की जा सके।

बस ड्राईवरों की मदद के लिए दो हेल्पलाइन नंबर -6026900943 और 0367-223562 जारी किए गए हैं।

इन ड्राईवरों की मुष्किलें तब षुरू हुईं जब उनमें से तीन कोविड पाॅजिटिव पाए गए जिसके बाद उन्हें मोरिगांव जिले में सरकारी केंद्र में क्वारंटीन रहना पड़ा।

असम के प्रवासी मजदूरों को छोड़ने आईं इन बसों को एक-दो दिन बाद वापस केरल जाना था लेकिन उसी दौरान दोनों राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर का असर बढ़ने के चलते उन्हें यहां रुकना पड़ गया।

13 मई को नगांव जिले में फंसे कुछ ड्राईवरों ने गुवाहाटी के फादर षेल्डन फर्नांडिस तक अपनी बात पहुंचाई, जिन्होंने असम के सीनियर चर्च मेंबर्स से इसकी चर्चा की।

इसके बाद उन लोगों ने मिलकर केरल में चर्च के अपने सहयोगियों से संपर्क साधा।

इसके बाद चर्च के एक अन्य सदस्य ने असम के मुख्य सचिव को इस मामले की जानकारी दी, जिन्होंने पुलिस और जिला मुख्यालयों से इसकी जानकारी मांगी।

असम के पुलिस महानिदेषक बीजे महंता के मुताबिक, संबंधित जिले की पुलिस अधीक्षकों को निर्देष दिया गया है कि वे ड्राईवरों की हरसंभव मदद कर उनके वापस लौटने का इंतजाम करें।

उन्होंने कहा, ‘संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को ड्राईवरों का खयाल रखने को कहा गया है। हमारी सरकार उनकी वापसी के लिए केरल प्रषासन के साथ मिलकर काम करेगी।’ हमें नगंाव में 94 बसें होने की जानकारी मिली है, इसके अलावा हमने अन्य जिलों से जानकारी मांगी हैं।

मंगलवार को नगांव के पुलिस अधीक्षक आनंद मिश्रा ने जिले में फंसे ड्राईवरो ंसे मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

अच्छे वेतन और काम की बेहतर स्थितियों चलते उत्तर-पूर्व के तमाम मजदूर केरल में काम करने जाते हैं।

असम के चालीस हजार से ज्यादा मजदूर केरल में निर्माण, स्वास्थ्य और सेवा संबंधी कामों से जुड़े हैं।

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